कुछ वादे हैं खुद से
कुछ इरादे हैं बुलंद से
कुछ हौसला है अडिग सा
कुछ आत्मविस्वास सा है
कुछ पर्दे हैं उठने
कुछ myths हैं गिराने!
साल ये फिर से
कुछ नया सा जरूर है
मगर चल रहा है साथ फिर भी
कुछ पुराना उलूल-जुलूल सा है
कुछ प्रश्न हैं वही पुराने
कुछ नयो का भी इंतज़ार सा है!
कुछ दूरियां नापी हैं इधर उधर की
और तैयारियां हैं कुछ और भी नापने की
इस भेजे को आराम ना कल था
ना आज है और ना कल ही होगा, क्योंकि
इसका तो काम है वक़्त सा चलते जाने
चलना इसका ही तो जीवन है सो चलते है जाना!
कुछ इरादे हैं बुलंद से
कुछ हौसला है अडिग सा
कुछ आत्मविस्वास सा है
कुछ पर्दे हैं उठने
कुछ myths हैं गिराने!
साल ये फिर से
कुछ नया सा जरूर है
मगर चल रहा है साथ फिर भी
कुछ पुराना उलूल-जुलूल सा है
कुछ प्रश्न हैं वही पुराने
कुछ नयो का भी इंतज़ार सा है!
कुछ दूरियां नापी हैं इधर उधर की
और तैयारियां हैं कुछ और भी नापने की
इस भेजे को आराम ना कल था
ना आज है और ना कल ही होगा, क्योंकि
इसका तो काम है वक़्त सा चलते जाने
चलना इसका ही तो जीवन है सो चलते है जाना!
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