Wednesday, April 30, 2025

कुछ हल्का-फुल्का हो जाए?

बहुत वक़्त हो गया ना सीरियस-सीरियस, पढ़ते-लिखते? कई बार इधर-उधर के short vidoes बड़े ही रौचक होते हैं। जैसे ये   

अरे, ये विडियो कहाँ गया? अभी यहाँ था और अभी नहीं? शायद ऐसे ही जैसे, अभी-अभी कुछ ईमेल में पढ़ा और अब नहीं है। विडियो तो चलो इधर-उधर हो गया होगा या फ्रॉड होगा। मगर ये किसी आई हुई ईमेल में कुछ पढ़ना और दूबारा पढ़ो तो वो दिखाई ही ना दे? कैसे? ASP?  

Assistant Superintendent of Police?  

नहीं, Annuity Service Provider, NSDL? 

और ये?


भारत के प्रधानमंत्री कह रहे हैं, ये विपक्ष की साज़िश है। 
है क्या?
विपक्ष से पूछों, आगे की कहानी फिर सुनाएँगे। 


या आपने मदीना चौक आले भाई-बँध सुनाएँगे? 
ज्योति, पानी लाईये बेबे 

जी, क्या लेना है?

एक? 

या दो? 

Myntra कह रहा है, एक आर्डर डिले है, रोहतक अटक गया शायद?

और दूसरा?

Save Mosquitoes एडवोकेट्स को बुलाओ। 

आगे की कहानी, आगे पोस्ट में। Conflict of Interests and घपले ही घपले? 

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