Deception? Trickery? छलकपट?
Misconfiguration and Cloud Leak? क्या है ये?
कुछ-कुछ ऐसे ही, जैसे पड़ोसियों ने आपके घर में सुरँग बना रखी हो, और आपके घर का कीमती सामान साफ? या उसे हटाकर उसकी जगह कुछ और रख दें? अब ये पड़ोसी आपका साथ वाला घर भी हो सकता है और दुनिया के किसी और ही कोने में बैठा हुआ कोई इंसान भी।
या शायद कुछ ऐसा बिलकुल आपके सामने की अभी आपको राम की फोटो दिख रही है और अभी रावण की? या अभी कंस की और पलक भी नहीं झपकी की मोदी की या? किसी और की भी दिख सकती है? लेकिन असलियत में उस फोटो में है क्या? ये कैसे पता चले? या सच में कोई फोटो भी ऐसे छलकपट कर सकती है? रावण जैसे इंसानो का तो सुना था की कुछ भी भेष धारण करने की योग्यता थी उसमें। सिर्फ इंसान का ही भेष नहीं बल्की कोई भी जानवर, पक्षी वगरैह भी? सच है क्या? पता नहीं। कहानी ही होंगी सिर्फ? अब लेखकों का क्या है, कुछ भी घड़ दें? इंसानों के पँख लगा दें और वो उड़ने लग जाएँ? या घड़ियाली से अंग और वो जमीं और पानी दोनों में रहने लग जाएँ? या शायद पौधों के जैसा-सा chlorophyll पिग्मेंट सा रंग घड़ दें और सुरज की रौशनी से खाना बनाने की कला? अगर ऐसा होने लगे, तो नौकरी तो फिर कितने करेंगे? शायद करेँगे? घर और सुरक्षित माहौल तो फिर भी चाहिए?
मगर क्या हो की आप जिस किसी वेबसाइट पर अप्लाई करें, उस पर आपको सिर्फ आखिर तिथि ही नहीं बल्की नौकरी का नाम और कंडिशन्स तक कुछ और ही नजर आने लगें? एक दो बार तो लगेगा की शायद मुझसे ही धोखा हुआ होगा? मैंने ही ढंग से चैक नहीं किया होगा? मगर कितनी बार? और कौन कौन सी वेबसाइट पर?
मान लो आपने कहीं कोई ईमेल भेझी, जिसपे पहले से ही ऐसा कुछ लिखा हो, की यहाँ कर लो जॉइन। आपको लगे ये तो मस्त है। मगर फिर कहीं ईधर-उधर से कुछ और भी पढ़ने सुनने को मिले? और आपको लगे शायद कुछ गड़बड़ है? अभी आप सोच ही रहे हों और कुछ ऐसा सा दिखने लगे जैसे?
मान लो मैंने ऐसा कुछ लिखा

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