राम नाम जपना, पराया माल अपना
नया साल आपको ऐसे संस्कारियों से बचाए।
मुझे सब चाहिए
मगर सामने वाले को कुछ नहीं चाहिए
बच्चों तक को अपनी घटिया राजनीती का मोहरा बनाते
येन केन प्रकारेण, अपनों से दूर करने के बहाने बनाते
नया साल आपको ऐसे संस्कारियों से बचाए।
मेरी बेटी जिस घर जाए
या मेरा बच्चा जहाँ पैदा हो
वहाँ कोई और बहन, भाई ना पनपने पाए
नया साल आपको ऐसे संस्कारियों से बचाए।
मोहरे बनाते, गोटियाँ बनाते
आम जनता को और उनके घर-परिवारों को
ऐसे-ऐसे और कैसे-कैसे, फुट डालो, राज करो
जैसे राजनीती के जालों के, ताने-बानों में उलझाते
नया साल, ऐसे संस्कारियों की राजनीतिक फौजों से बचाए।
जुआ खेलते, मगर फिर भी संस्कारियों का चोला ओढ़ते
लोगों को दाँव पर लगाते, उनका शिकार करते
राजनीती से या ऐसी फौजों से
नया साल दुनियाँ के हर कोने को बचाए।
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