Saturday, October 4, 2025

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 जब कंगारू कोर्ट्स की बात होती है तो आप इन कंगारू कोर्ट्स से क्या समझते हैं?

हमारे हरियाना या आसपास के राज्यों के बुजुर्ग, जिन्हें हम दकियानुशी या आज के वक़्त से थोड़ा पीछे रहे हुए लोगों के रुप में जानते हैं? उन द्वारा गाँवों जैसी जगहों पर संचालित बैठक या पँचायत रुपी कोर्ट्स? जहाँ आजतक लड़कियों की उपस्तिथि तकरीबन नगण्य होती है। तब भी, जब फैसला उसके अपने अधिकारों के बारे में हो?  

या ऑस्ट्रेलियन कंगारू और उन द्वारा संचालित कोर्ट्स? 

या ऑस्ट्रेलियन, यूरोपीयन और अमेरिकन कॉरपोरेट्स, जो आपके फैसले ही नहीं लेते, बल्की, आपकी ज़िंदगी की दिशा और दशा भी निर्धारित करते हैं?  

प्रशांत किशोर से ही समझने की कोशिश करें ? क्यूँकि, सुना है ये वो महान स्ट्रैटेजिस्ट हैं जो 2 घंटे की कंसल्टेंसी की फीस 11 करोड़ लेते हैं? 11 करोड़ और सिर्फ 2 घंटे की कंसल्टेंसी के? कौन खास कंपनी है ये? ऐसा क्या करती है की जिसके वो सिर्फ कंसल्टैंसी के रुप में इतने पैसे दें? और वो ये पैसा डॉलर में लेते हैं? अगर डॉलर में लेते हैं तो अमेरिकन, ऑस्ट्रेलियन या कैनेडियन डॉलर? या यूरो में, पौंड्स में? या फिर ऐसी किसी कर्रेंसी में लेकर उसे रूपए में बदलकर बताते हैं? या फिर भारतीय रूपए में ही लेते हैं?

ये 2 और 11 वाला हिसाब-किताब नौ, दो, ग्यारह वाला है? या यहाँ किसी और ही तरह के चौके, छक्के, पँजे, अठ्ठे या नहले, दहले वाला हिसाब-किताब है? 

जैसे प्रशांत किशोर कहे की या तो अर्श पर या फर्श पर? या तो 10 सीट या 150? राजनीती के जुए का सही सा हिसाब किताब बता रहे हैं? कहीं ये 10 और 150 वाले हिसाब-किताब वाली कंसल्टैंसी ही तो 11 करोड़ वाली नहीं है?

वैसे, ऐसे से चुटकले या कहें की हकीकत की राजनीती का आईना और भी कई पढ़े लिखे नेता, यहाँ वहाँ देते मिलेंगे। कई नेताओं के ऐसे से तथ्य किसी एक विडियो में (शॉर्ट्स) हों तो बताएँ प्लीज। मेरे जैसे और बहुत हैं, जिनकी या तो ये जानकारी थोड़ी नई-नई है। या जिन्हें अब तक इस सबका कुछ अता पता ही नहीं है।    

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