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Monday, April 29, 2024

मुझे खबरें कहाँ से और कैसे मिलती हैं?

2005 

V अत्री: भाई का ब्याह होग्या? सबते छोटा बाज़ी मारग्या और बड़े? पार्टी तो बनती है। 

V दांगी: हाँ। बिलकुल बनती है। क्या खाना है?

और लो जी, पार्टी हो गई। क्या खाया? याद नहीं। उस पावर हाउस के पास, छोटे-से रेस्टोरेंट का नाम क्या था? याद नहीं। उस पार्टी में कौन-कौन थे? वो भी ढंग से याद नहीं। अब कम्प्युटर थोड़े ही हैं? इतने सालों बाद, इतना याद कहाँ रहता है? एक ज़माना बीत चुका जैसे। 

ये फ़तेह सिंह? ये कौन है भई? Friend List Suggestions में आ रहा है, बार-बार। फोटो की जगह खुद की फोटो नहीं और पोस्ट वगरैह सब ब्लॉक। ओह हो। तो ये कालिया है? Captain V Atri? अब कहाँ का कैप्टेन? अब तो पोस्ट भी कुछ और ही हो गई होगी।  

उसके सालों बाद, कोई दूर का रिलेटिव, दीदी कैप्टेन बोल रहा हूँ, कुछ-कुछ ऐसी-सी ही, मगर अजीबोगरीब नौटंकी खेलता है। और आपको ये अजीबोगरीब जाले से पुरते ड्रामेबाज़ समझ नहीं आते। हमने तो किसी को आप तक नहीं बोला, अगर सीनियर ना हो तो। फिर ये पोस्ट टाइटल क्या बला होता है? उसपे दीदी बोलके? फिर लगता है, कहीं ये भाई कैप्टेन वाला तो गैंग नहीं? ऐसे संबोधन शायद वहीँ होता है?     

वैसे Vi से Virus कैसे बनता है?

जब Vi  R और US या us अलग-अलग सा कुछ हो? Vijay Dangi female नहीं male हो? 

अरे Vijay Dangi नहीं, सिर्फ Vi? बस यही दो शब्द मिलते हैं, इन दो नामों में। बाकी कुछ नहीं।  

ये फ़तेह सिंह कब लगाया तुने? ये कैसे बना? और फिर वापस वही नाम आ गया? मतलब Virus वापिस? अब इसका फतेहाबाद से क्या लेना-देना? 

अबे कमीनों। इतने सालों से गोबर-गणेश खेल रहे हो। कभी लगा नहीं की बता देना चाहिए, ये कौन-सा और कैसा गोबर-गणेश है?

और ओह हो। पंडित जी, आप? बाहमण के? या कालिये? आपको तो कुछ "मालूम ही नहीं? चल क्या रहा है?" वैसे ये ट्विटर पे jack line Farnandis, नहीं Jacqueline Fernandez वाली पोस्ट कुछ समझ नहीं आई? H#16, टाइप-3, वाला JACK फल वाला पौधा है? या गाड़ी का jack, जो टायर बदलने में काम आता है? या hijack टाइप कुछ? मेरे स्टुडेंट्स ने मेरी i10 के बड़े टायर खराब किए। पंचर ऐसे की, टायर ही ख़त्म। और फिर कमेंट्री भी, मैडम गाड़ी hijack हो गई। कैसे बदतमीज़ स्टुडेंट्स हैं। और कैमरा रिकॉर्डिंग मांगो, तो वो उससे भी बदतमीज़। मैडम वहाँ तो कैमरा ही नहीं है। चाहे चारों तरफ कैमरे हों।  

कितने टायर तो पुलिस लाइन के सामने वाली टायर शॉप से लिए। जब कोर्ट में ऐसे सबुतों की बारी आई, तो दुकान ही वहाँ से गुल। और कमेंट्री, हम सबूत ही नहीं, सबुत देने वाले को ही गुम कर देते हैं। कितने ऐसे-ऐसे और कैसे-कैसे केस भुगते होंगे ना, की virus का उदय फिर से हुआ?

कमीनों वाली इस फोटो में कुछ और भी बच गया क्या?

भाई का ब्याह, दुबारा 2023 में?  ब्याह? या? Vi Raj Maan प्रस्तुत हों? महाराजा, दही-राज, ओह हो। Dhee-raj? पधार रहे हैं? और कैसे-कैसे लडुओं के साथ? बालकां नै टेक्नोलॉजी पढान की बजाय, हम उड़ना सिखाते हैं। या उड़ाना? दुनियाँ से ही ख़त्म कर देना? बच्चों तक को ख़त्म कर देते हैं लोग। कैसे इंसान होंगे जो ऐसा करते हैं? पर राजनीती में सब जायज़ है? वैसे कुछ लोगों की सोशल पेज पे बिमारियों से सम्बंधित कुछ नहीं मिला। कोई हिंट तक नहीं। समझ नहीं आया, की ऐसा क्यों?   

Fly भी, कैसी-स्टेज पे उतारने की? आप भी लाओ, अपनी बालाओं को?

अरे तुमने गुड़िया को डांस से मना कर दिया। करने देती, तो क्या हो जाता?     

बोले तो कुछ भी? आपको खुद को पवित्र साबित करने की जरुरत है? वो भी कैसे-कैसे अखाड़ों में? जो सबुतों को ही नहीं, सबुत वालों को या जगहों को ही खा जाते हैं? क्या सिद्ध करना चाहोगे वहाँ तुम? और बच्चों तक को, जो ऐसी-ऐसी और कैसी-कैसी सामान्तर घड़ाइयों का हिस्सा बनाना चाहें? बनाने देंगे आप उन्हें? जानते हुए भी, की परिणाम क्या हो सकते हैं? एलियन जहाँ जैसे?

कुछ-कुछ ऐसे?    


किसे के मायके या ऑफिस में, ऐसे-ऐसे घुसपैठिये घुसे हुए हों, तो क्या कर लोगे? 

मुझे खबरें कहाँ से और कैसे मिलती हैं? ये और ऐसी-ऐसी सोशल साइट्स भी जोड़ लो। मैं इन्हें जानती हूँ? मेरे को लगता तो नहीं ? चलो इसपे एक जोक सुनाती हूँ। जोक?

भाभी के जाने के बाद, माँ का घर आना कम हो गया था। क्यूँकि, अब वो ज्यादातर भाई के घर पे ही रहती हैं, गुड़िया की संभाल के लिए। एक दिन माँ अपने घर वाली एक अलमारी पे ताला लगा गई। और कहीं खबर मिलती है, भाभी ने ताला लगा दिया, पर रस्ते और भी हैं। और आप सोचें, ये क्या बकवास है? लोगों के इस खेल में, क्या का क्या बनता है? बोले तो कुछ भी?    

ऐसे ही जैसे, एक दिन मोदी के घर..... .... मोदी भी पता ही नहीं, कैसे कैसे हैं? कहीं मोदी लड़की मिलेगी और कहीं?   

ऐसे ही जैसे, एक दिन फलाना-धमकाना के घर और...... ..... 

पता ही नहीं कितने ही ऐसे हैं। ये इधर, ये उधर, ये किधर? कौन-कौन और किस, किसके घर घुसा हुआ है? या कहो घुसे हुए हैं और कैसे-कैसे? और महारे गाँवों के शयाने? या भोले? अनभिग, की कौन-कौन और कहाँ-कहाँ और कैसे-कैसे देख-सुन रहे हैं? घर वालों तक से या अड़ोस-पड़ोस तक से ऐसे छुपाते हैं, जैसे किसी सीक्रेट दुनियाँ में रहते हों। इसीलिए कान ज्यादा कटवाते हैं? और कानों के कच्चे भी ज्यादा हैं? दुनियाँ, आज कहाँ है, उन्हें पता ही नहीं। वैसे गाँव क्या, कुछ सालों पहले बहुत-से ऑफिस के लोगों तक को पता नहीं था, की ये सर्विलांस बला क्या है?    

एलियन मतलब छट (6?) 26? या शायद? जानते की कोशिश करते हैं, अगली किसी पोस्ट में।                

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