Friday, May 16, 2025

गाने ज़िंदगी का ज्ञान भी देते हैं?

गाने ज़िंदगी का ज्ञान भी देते हैं? एक ही गाना कितना कुछ कह जाता है? कई बार तो, दशकों को एक छोटे-से गाने में पिरो जाता है? एक दशक पहले या दो दशक पहले या उससे भी पहले, वो आपका पसंदीदा गाना हुआ करता था? और आज भी है? गज़ब है? जैसे कुछ, बदलता ही नहीं? वही ढाक के तीन पात-सा? इस दौरान, वैसे से ही शब्द लिए या वैसा-सा ही ज्ञान लिए, कितने ही नए गाने आ जाते हैं? नए वक़्त से कदम-ताल मिलाते से जैसे? मगर, फिर भी आपकी पसंद आज भी वहीँ ठहरी-सी है जैसे?       

बुल्ला की जाना मैं कौन -- रब्बी शेरगिल 

Tuesday, May 13, 2025

Eurovision Song Contest, Nearby?

When you forget something integral to you, you forget life somewhere? Or there is no time for music or walk or excercize? It's a place where you can do better, only writing? As everything in the surrounding is like some prompt?

Or better have a break from writing? Oh! Forgot even that Eurovision song contest is also nearby? Is it May?

And like last year, no song is as appealing, as it used to be earlier. Why it's so?  

Freedom is not even on their selected chart? Or even freedom song was not that appealing? Euro colours seems out? It's too dark, sad kinda melancholic? Kinda saying?

Write, sing or search elsewhere your own haapy and joyful songs? Where you can find them in beautiful dresses, beautiful background or surrounding and singing beautiful happy songs?

What they have selected this year or singing on that world stage?

Georgian Freedom?


Naa! Seems a bit strange?

Then?
Shadows and Show?
C?
Y?
P?
R?
U?
S?

Too Dark?
That's where news are doing the round?

बला जी छोटी बेबे न्यूँ कह सै, 
या फ़ूं फ़ूं पाकिस्तान पै अ, चाल्य सै के?
नरे क्रिकेट खेलणीय बालक 
के होग्या, जै छोटी-मोटी बाल फैंक दे सैं तो?  

यो फूफा चीन थारा, ज़मीन हड़पें बैठा
आड़े के आँख मीच री सैं थारी?

हैं बेबे कहवै थी के किमैं?

पेपर टाइगर किते के?
Which song will fit on this?

बाजण दो भाई DJ?
इसपे  Eurovision Song Contest, 2025 का कोई गाना फिट होगा क्या?   
बोले तो कुछ भी :)

Saturday, May 10, 2025

संदेशवाहक, गुप्तचर, गुप्तदूत? (Social Tales of Social Engineering)

 Diversity of Messaging? 

ये पोस्ट तो? पिछले साल पढ़ी होगी आपने कहीं इसी या Social Tales of Social Engineering (40) में?

फिर आज कहाँ से आ गई?

कुछ चीज़ें एक बार में समझ नहीं आती? बार-बार पढ़ने पर या आसपास घटने पर, कहीं बेहतर समझ आती हैं? इसमें ऐसा क्या खास लगा मुझे?      

संदेशवाहक, गुप्तचर, भेदिया, विभिषण, गुप्तदूत? और भी कितने ही नाम हो सकते हैं ना? वो जो सब्ज़ी देने आते हैं। वो जो गुड़-शक्कर बेचने आते हैं। वो जो कटड़ा, भैंस बेच लो वाले आते हैं। वो जो बैडशीट बेचने आते हैं? वो जो शर्फ़ बेचने आते हैं? वो जो रद्दी लेने आते हैं। वो जो सूट बेचने आते हैं। वो जो झाड़ू, वाइपर बेचने आते हैं। वो जो चुन्नी बेचने आते हैं। वो जो शाल बेचने आते हैं। वो जो टीशर्ट, पायजामा बेचने आते हैं। 

उसपे वो जो मंदिर में सुबह-शाम भजन सुनाते हैं। या कोई खास मैसेज बताते हैं। वो जो ट्रैक्टर-ट्राली, गाड़ी, झोटा-बग्गी या कोई और व्हीकल्स आते हैं। वो जो पेड़-पौधे बेचने आते हैं। वो जो किसी के घर या दुकान के बनाने का सामान लेकर ईधर या उधर जा रहे होते हैं। वो जो साफ़-सफाई वाले आते हैं। या कब-कब आना बंद हो जाते हैं। वो जो फलाना-फलाना जाती से कुछ बुजुर्ग महिलाएँ, जो अब काम-धाम करने की हालत में नहीं हैं, सिर्फ़ खाना या कपड़े वगरैह के लिए कभी-कभार आते हैं। वो जो चप्पल-जूते बेचने वाले या ठीक करने वाले आते हैं। वो जो कुकर, गैस चूल्हा ठीक करने वाले आते हैं। 

वो जो, और भी कितनी ही तरह के पशु-पक्षी, कीट-पतंग, कीड़े-मकोड़े, सबके सब जैसे, संदेशवाहक कोई। आप जहाँ रहते हैं, उस सिस्टम की गवाही के गुप्तचर या कोढ़ कोई, ठीक आपके सामने होते हैं। कुछ ऐसा बता रहे होते हैं, जिनका अर्थ या अनर्थ उन्हें खुद नहीं पता होता। 

ये आपके आसपास के जीवन के बारे में और उनसे जुड़ी बिमारियों या रिश्तों की दरारों या कड़वाहटों, उनसे उपजे उत्पादों, कारकों के बारे में कितना कुछ बता रहे होते हैं? उनकी उत्पत्ति या प्रकिर्या के बारे में? और शायद उनके समाधानों के बारे में भी? कौन-सा जहाँ है ये? मुझे ये सब किसने और कैसे बताया? दुनियाँ के हर कोने में है, ये जहाँ। एक दुनियाँ के स्तर की बड़ी-सी लैब। जिसे जितने चाहो, उतने छोटे या बड़े स्तर पे अध्ययन के दायरे में रख सकते हैं। इससे भी मज़ेदार बात, ये लैब किसी भी विषय के लिए बंद नहीं है। जो चाहे, जिस विषय से चाहे या जिन विषयों की चाहे, मिश्रित खिचड़ी (Interdeciplinery) पका सकता है। और अध्ययन कर सकता है। आप आर्ट्स से हैं, तो आपको अपने लायक बहुत कुछ मिल जायेगा। विज्ञान से हैं, तो भी। और अर्थशास्त्र से हैं, तो भी। मर्जी आपकी, की कैसे और क्या जानना चाह रहे हैं।                          

OSLO UiO 

सोफ़े के कवर लो 

गद्दे के कवर लो 

मेज के कवर लो 

मुझे बालकनी में देख ठहर गई वो। मेरी तरफ देखा, सोफ़े के कवर ले लो। 

कहाँ से हो?

सुनारियाँ चौक से 

अरे आप कहाँ से आए हो? 

रोहतक, सुनारिया चौक 

अच्छा रहते हो वहाँ? 

हाँ! झोपड़ी है। 

वहाँ कहाँ से आए हो?

UP 

सोफे के कवर ले लो 

अरे, मैं तो मेहमान हूँ यहाँ। ऐसे ही पूछ रही थी। 

माँ आसपास होती तो सुनाती। पागल हो गई शुरू। किसी भी, कुछ भी बेचने वाले को रुकवाकर, पूछने लग जाती है। क्या मतलब हुआ, खामखाँ में? और फिर कोई भी कहानी घड़ देगी उसकी।   

जैसे हरी-भरी टोकरी और गई भैंस पानी में? या  "Don't Cross, Police Zone GAI Inspection"?

मतलब कुछ भी :)    

Friday, May 9, 2025

आओ बच्चो (लड़ाको?) दुनियाँ की सैर पर चलें? 2

एक हॉल है, बड़ा-सा? या शायद, ठीक-ठाक सा? उसमें एक स्क्रीन लगी है, और सब सामने स्क्रीन पर देख रहे हैं? क्या देख रहे हैं? उसके बाद, नहीं, साथ-साथ कुछ बातचीत भी कर रहे हैं? स्क्रीन पे कोई है, उससे बात कर रहे हैं? और आपस में भी कुछ विचार विमर्श हो रहा है? बच्चों की बैठक चल रही है। और दूसरे स्कूल के या शायद कॉलेज या यूनिवर्सिटी के किसी टीचर से, गेस्ट लेक्चर ले रहे हैं शायद? वो भी इतनी रुची के साथ? देखो उसमें कोई सो तो नहीं रहा? या आपस में कोई बात तो नहीं कर रहा? या शायद तो कोई अपने ही लैपटॉप पर खेल भी रहा है?

ये कैसे स्कूल, कॉलेज या यूनिवर्सिटी हैं?

और ये क्या? एक ही गेस्ट लेक्चर में कितनी क्लासेज या कोर्स के बच्चे बैठे हुए हैं?

देखो तो?

जी। 

यो आपणा मोदी बैठा भाई। साथ मैं नरेंदर। अर, जय (भगवान) नै भी पकड़ कै ला रे हैं। 

ये भूत भी पकड़ लावैं सैं? 

यो रवि (इन्दर, जडेजा), अर सुनील (गावस्कर), अस्वनी अर? अर बाकियाँ के नाम अस्वनी ने बेरा। 

न्यून-सी कोए परले हेर (गिंधराण) का MLA बताया भाई। राकेश नाम है शायद? तरुण, कप्तान अर अंजू, संतोष, मंजू। और भी घणे अ सैं। 

ये कोई भी और कैसी भी भाषा चलती है क्या ऐसी क्लॉस में?

हाँ जी। सब चलता है। 

ये तो अलग-अलग क्षेत्र, अर अलग-अलग विषय के बालक बिठा रे सो भाई। हाँ। अर दादी नै बता दिए, अक अश्वनी भी मस्त पढ़अ  है, इन क्लास में। कदे आप शिकायत करो और वो गुरुकुल में भेझण की बात। 

सही। कौन-कौन से विषय के बच्चे हैं ये? और कौन-कौन से विषय पढ़ाते हैं, आपको? अब रुची तो होनी ही चाहिए, जब सिखाने वाले इस स्तर के शिक्षक हों तो?

जी। कोई होम अफेयर्स। कोई फॉरेन अफेयर्स। कोई डिफ़ेंस मिनिस्ट्री। कोई शिक्षा विभाग। कोई राजनीती और कोई कॉमर्स। और भी घणे ए सैं जी। 

खिलाड़ी भी हैं जी। वो भी, अलग-अलग विषय के। 

और अलग-अलग बैठक में, अलग-अलग देश और इलाके से होते हैं।  

सही। ये कौन से दिन, किस वक़्त, कौन-से रंग की बॉल, कितने बजे फेंकनी होती है, ये बताने वाले कोच कौन हैं?

जी। वो चैनल आले बतान लाग रे। आप कती अ वो चैनल ना देखते? कौन-से इलाके की लाइट गई या आई? कब गई या कब आई? किसके घर का बाहर का या अंदर का बल्ब कब जलता है और कब बंद होता है। कौन से इलाके को कब ये पाकिस्तान बोल दें और कब अमेरिका या इजराइल। कहाँ अफ़ग़ानिस्तान, कहाँ UK और कहाँ फ्रांस। ये क्रिकेटर की तरह कमेंट्री करना और कहानियाँ घड़ना तो न्यूज़ चैनल्स ही सीखा रहे हैं।  

काफी हो गया। आज की क्लास यहीं ख़त्म करते हैं। बाकी आप पढ़ते रहिए। अगर बाहर की यूनिवर्सिटी की सैर कराने का बोला है, तो आगे-आगे पोस्ट में वो भी कराएँगे।             

आओ बच्चो (लड़ाको?) दुनियाँ की सैर पर चलें? 1

पिछले कुछ साल मैंने बड़ी सैर की, ऑनलाइन। कभी US, कभी यूरोप तो कभी ऑस्ट्रेलिया। और कभी-कभार एशिया भी। अफ्रीका अभी रहता है। पता नहीं कब शुरु करुँगी? 

सोचो, जब आप चारों तरफ लड़ाकों वाले ड्रामों से घिरे हो। जहाँ कभी कोई बॉल आके गिरे किसी फाइबर पर या छत पर या कभी-कभार तो घर के अन्दर भी पता ही नहीं कब धड़ाम। कभी बाहर दरवाजे की साइड चले जाओ, तो कोई नाली या किसी तरह का गाली युद्ध चल रहा हो। या? जाने कितनी ही तरह के ड्रामे? यहाँ? यहाँ? यहाँ? इधर? उधर? उधर? या शायद फ़ोन या ईमेल पर ही?

ऐसे में, इन सबसे दूर आप किसी और ही दुनियाँ की सैर पर हो? वो भी अपने घर, अपने ही कमरे पर या नीचे बैठे हुए? क्या देख रहे हैं, उस सैर पर? कुछ खेल? या विडियो गेम्स? या ऐसी कोई डिग्री? या डिग्रीयाँ? ये तो मस्त हैं? ऐसे भी कोई पढता या पढ़ाता है?

कैसे? एक ओपन हॉल है, बड़ा-सा और एक बड़ा-सा स्क्रीन लगा हुआ है? और बच्चे वहाँ अच्छी-अच्छी कुर्सियों या सोफों पर बैठकर, सिर्फ कोई खेल नहीं देख रहे, बल्की, एक विडियो में ही पूरा चैप्टर पढ़ रहे हैं?

और अगले विडियो में? अरे, अब वो विडियो नहीं देख रहे। विडियो खेल, खेल रहे हैं। नहीं, नहीं। विडियो में ही, अगले चैप्टर की खेल-खेल में ही प्रैक्टिस कर रहे हैं। 

पता ही नहीं, कितनी ऐसी प्रैक्टिस कुछ ही दिनों में कर चुके। इन बच्चों को तो लगता है, चस्का लग गया है, पढ़ने का? पढ़ने का या विडियो गेम्स का?

अब उनका वीकली टैस्ट है। और सुना है, नंबर भी मस्त आ रहे हैं, तकरीबन सब बच्चों के? जो जितने ज्यादा विडियो खेलता है, उसके उतने ही ज्यादा नंबर हैं? 

हैं? ऐसा भी कहीं होता है?

चार हफ़्ते हो गए और कोई भी अब्सेंट नहीं? लो जी, मंथली टैस्ट आ गया? 

यहाँ भी सब बच्चों के तक़रीबन पुरे नंबर आ रहे हैं?

आओ बच्चो (लड़ाको?) दुनियाँ की सैर पर चलें?

वैसे इस मंथली टैस्ट से आगे पढ़ाई कैसे होगी? सोचो? 

Travel? By Road, Air or Water?

सुना है, Rhythms of Life को साँस लिए कई दिन हो गए? तो चलो, थोड़ा घूम लें?

कहाँ चलना है? कैसे जाएँगे?

रोड़ से? पानी से? या हवा में उड़कर?  

कितने ही तरीके हैं ना, इन सब तरीकों से कहीं भी जाने के? किसी ने कहा, गाडी नहीं है? तो Air Bike ले लो। मस्त है। ड्रोन जितनी-सी, हल्की-फुल्की सी? ये भी सही है?          

ऐसी-सी?



फिर किसी ने कहा, जब हल्की-फुल्की की ही बात है तो?
सिर्फ एक सूट बहुत नहीं रहेगा?


कितने बावलीबूच हैं ना?

हल्का-फुल्का उड़ना है? उसपे पैसे भी कम लगाने हैं? तो ख्यालों में उड़ना कैसा रहेगा? अगर बिल्कुल फ्री चाहिए तो?

और थोड़ा बहुत इंटरनेट लायक पैसा हो तो, चलो मेरे साथ, चलते हैं घुमने कहीं? मैं तो इतने से में सुना है, रोज ही उड़ती हूँ। आज इस शहर, कल उस शहर? आज इस यूनिवर्सिटी और कल उस यूनिवर्सिटी?

तो किस शहर या यूनिवर्सिटी की सैर पर चलना चाहेंगे आप? इंडिया-पाकिस्तान के चैनलों की भड़ाम-भड़ाम से दूर कहीं, बिल्कुल शाँत-सी, सुन्दर सी जगह? 

साइबर अपराध रोकने वालों के लिए

ICICI Direct और Protean या NSDL का क्या लेना-देना?

ये साइबर अपराध रोकने वालों के लिए। कल मैंने कोई NSDL या Protean की वेबसाइट नहीं खोली या कुछ अपडेट नहीं किया। एक बार लगा तो, की शायद ICICI Direct की बजाय, ये Protean दिखा रहा है। मगर दुबारा ध्यान से देखा तो, ICICI Direct ही दिखा रहा था। अगर ऐसा कोई अपडेट किसी Protean या NSDL की वेबसाइट के नाम पर हुआ है, तो वो घपला है।  

और ये पोस्ट में "नहीं" को क्यों काट रहा है?  

ये तो कुछ ज्यादा ही नहीं होने लगा की एक बार देखो तो कुछ दिख रहा है और दुबारा देखो तो कुछ और?