ब्लाह जी फलाने-धमकाने पड़ोस मैं सीढ़ी लाग री सै।
या तै लागी अ रह सै, भाई इसमैं भी के खास सै?
ब्लाह जी बालक तार दिए थारे घर मैं, अर बालक (?) के चुरा लेगे भला?
दिवाली गिफ़्ट लेगे बताए :)
Out, Out
भाई यो out होया करै या get out होया करै?
Out, Out from my room
थोड़ा ज्यादा नहीं हो रहा?
Ouuuuut
आईयो तू, मैं बताऊँगी Ouuuuuuut क्या होता है।
कहीं कर्मचारी सौन पापड़ी का गिफ़्ट नहीं लेते और कहीं बच्चे बर्फी, रसगुल्ले की बजाई सौन पापड़ी का डिब्बा ही साफ़ कर देते हैं :)
कैसे और कौन से बच्चे होंगे ये?
ये वो बच्चे हैं जो थोड़े और छोटे थे, तो, कुछ ऐसा-सा बोलने लगे थे, कार से ऑटो अच्छा होता है :)
मुझे तो ऑटो में जाना है :)
हम जो कहते या सोचते हैं, आख़िर हमें वो मिल ही जाता है :)
ऑटो मतलब स्वराज :) MDU का स्वराज सदन या अरविंद केजरीवाल की किताब स्वराज? उन दिनों वैसा कुछ चल रहा था बताया।
मुझे रैड नहीं चाहिए, मुझे लाल रंग पसंद ही नहीं।
अच्छा, कब से? मैंने तो सुना है की तुमपे रैड बड़ा अच्छा लगता है।
नहीं। मुझे कभी पसंद नहीं रहा और ना ही अब पसंद।
ओह हो। कब से? आपकी पसंद ड्रैस वाले फोटो दिखाऊँ?
अच्छा। हाँ। मुझे तो पसंद था। पर अब नहीं। वो पापा को पसंद नहीं है ना।
कबसे?
पता नहीं। पर मैंने तो ऐसा ही सुना है।
मम्मी को भी पसंद नहीं था रैड कलर।
ये तो हद ही हो गई।
छोड़ो। होगा। मुझे तो यही पता है।
ये सब क्या है?
आपकी कब क्या पसंद होगी और क्या नहीं, ये कौन बताता है? वो आपकी खुद की पसंद है या आपके अपनों की? या आपके आसपास की? या ये सब भी कहीं न कहीं गुप्त सुरँगे ही बताती हैं? कहीं सीधे-सीधे और कहीं गुप्त तरीके से आपके दिमाग में घुसेड़ देती हैं?
अपनी पसंद या नापसंद की हर एक चीज़ पर गौर फरमाओ, अलग-अलग वक़्त या अलग-अलग स्थान पर और शायद जवाब आपको मिल जाए। आपका खाना, पहनावा, बोलना और काफी हद तक धार्मिक होना या फर्क नहीं पड़ता या किसी भगवान को मानना या ना मानना ये सब कौन घडता है, आपके दिमाग में? ये सब कहाँ से आता है? यही नहीं, आपसी रिश्तों में आप एक दूसरे को कैसे संबोधित करते हैं? ये कौन बताता है? या घडता है आपके दिमाग में? ये भी गुप्त तंत्र?
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