हलाल और झटके का फर्क
जैसे तिहाड़ी और चौथ का फर्क?
कौथ का फर्क? चौथ का फर्क?
जब आप लोग यहाँ मर रहे थे तो? भगवान मथुरा रोड़ पर 2 BHK खरीद रहे थे। कलयुग के भगवानों की जय हो?
हलाल होता है, जैसे वृन्दा वन? जिनका अपना कुछ नहीं होता, ज़िंदगी भर लूटने, पीटने और शोषित होने के सिवाय? ना ज़मीन और ना आसमान। वो उस आसमान से गिरे और 9 नंबरी खजूर पे अटके जैसे होते हैं, जिनका शरीर तक अपना नहीं होता। उस बारे में निर्णय भी उन 9 नंबरी खजूर वाले महलो के मालिक लेते हैं? क्या हैं ये 9 नंबरी खजूर मालिक? और कहाँ-कहाँ रहते हैं? ये MDU के VC का मकान के बाहर लगा खास तमगा ही नहीं, बल्की, ऐसे-ऐसे अलॉटेड मकानों में रहने वाला हर वो अधिकारी है, जो उस वक़्त के गवर्मेंट या राजनितिक पार्टी या पार्टियों के बिठाए खास-म-खास कर्ता-धर्ता हैं। वो लोग वो काम नहीं करते, जिनके लिए उन्हें उन कुर्सियों पर जनता की निगाहों में या जानकारी के अनुसार बिठाया गया है। बल्की, वो, वो कर्ता धर्ता हैं जो उससे बहुत परे वाले कोढों के अनुसार चलते हैं। वो सिर्फ किसी यूनिवर्सिटी के VC नहीं हैं, बल्की, Dean, Head, Director और? और भी बहुत कुछ हैं। बहुत बड़ा संसार यूनिवर्सिटी से बाहर भी बसता है। और इनसे बड़े, छोटे अधिकारी भी। और वो सिर्फ सिविल में ही नहीं हैं, डिफेंस में भी हैं। ये हलाल और झटके से कहाँ पहुँच गए हम? कुछ-कुछ वैसे ही, जैसे वो क्या कहते हैं? ये कहाँ से कहाँ आ गए हम?
सुना है की सबसे बढ़िया वाला हलाल, वृन्दा वन वाली जगहों पे देखने को मिलता है? और सबसे बढ़िया वाला झटका? Night before fight वाली जगहों पर? ऐसा ही? हरियाणा जैसे प्रदेश अभी तक ज्यादातर हलाल वाले इलाके माने जाते हैं? और मेट्रो, गुज्जु या मुम्बईया? झटके वाले?
तो फिल्मी वार-2 शुरु हो गया? हमने जाने कहाँ सुना, कहीं वार-3 और कहीं शायद वार-4 भी चल रहा है? सच में ऐसा ही है? वैसे ये वार क्यों होते हैं? कौन और किस तरह की लॉबी ये सब करवाती हैं और इनसे पैसे कमाती हैं? सरकारें भी इन्हीं लॉबी का हिस्सा होती हैं क्या?
ऐसे ही शायद ये भी जानना सही रहेगा की कुछ देशों में हमेशा कलेश क्यों रहता हैं? और कुछ इतने शाँत कैसे रहते हैं?
और ये करवा चौथ खास वालों के लिए
कभी सोचा की "करवा चौथ" एक अर्थ है या अनर्थ? ये मैं नहीं कहती। ये तो शब्दों में छिपे अर्थ और अनर्थों वाले कहते हैं। वही कोढ़ वाले। बोले तो? Culture वाला ज्ञान और विज्ञान और? सबका तड़का और उसकी राजनीती? तो जब माताएँ, बहने, चाची, ताईयाँ या दादियाँ, जब उस 70, 100, 150 या 200 छेद वाली छलनी से निहारें ? बोले तो कुछ भी :)
वैसे ही जैसे, सत (7) संग वाला कल्चर (रीती रिवाज़)? और उसके पीछे छिपा ज्ञान, विज्ञान और राजनीतिक तड़के? मतलब, अगर गाँव वाली इस खास जेल की सैर नहीं होती, तो ऐसे-ऐसे तड़कों की ख़बरें कहाँ मिलती?
वैसे हर ज़िंदगी में अपनी-अपनी तरह के हलाल और झटके होते हैं। आपकी ज़िंदगी कहाँ-कहाँ हलाल हुई है और कहाँ-कहाँ इसने झटके खाए हैं?
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