Thursday, November 6, 2025

महारे बावली बूचाँ के अड्डे, अर घणे श्याणे? 32

महारे बावली बूचाँ के अड्डे


झाऊ मूसा अर सुणसणीया 

म्हारे हरियाणा के चौरायां आले अंडी (आते-जाते लड़कियों पर कमेंटरी करते हुए) 

भाई कतीअ झाऊ मूसा हो रया सै। सारे नाई मरगे के, यो ढाढ़ी बनवाया।


चौराहे के पास से गुजरती हुई लड़की (ढाढ़ी आली?)  

सुणसणीये से, कती ठाली हांडअ सै, चौराहे के खागड़ सा। लागय सै, थारअ घराँ कतीए काम धाम कोण्या, डूम सै  के?


अर घणे श्याणे?

इसपे भी राजनीती की रोटी सेंकते पावैंगे। कैसे भला? बुझो तो जाने? 

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