एक जो दिखता है, मगर जैसा दिखता है, बिलकुल वैसा होता नहीं है
और एक जो होता है, मगर दिखता नहीं है, अदृश्य है
और मिलकर वो सब बनाता है, जो हमें दिखता है, या जो समझ आता है।
कुर्सियों पे बैठे लोगों का यही है। उन्हें सही में जो लोग और जो फैक्टर्स मिलजुलकर बनाते हैं, वो आम आदमी को नहीं दिखते। बहुत से हादसों और बिमारियों का भी यही है। सोचो, उस सबको ठीक ऐसे प्रेजेंट किया जाए, जैसे इस शो के पीछे काम करने वाले, इतने सारे लोगों को और टेक्नोलॉजी को?
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