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Tuesday, April 25, 2023

प्रतियोगिताएं -- चाही-अनचाही !

प्रतियोगिताएं -- चाही-अनचाही!

ऐसी-वैसी, कैसी-कैसी ?   

 बचपन में ही हो जाती हैं शुरू 

और 

चलती रहती हैं, आख़िरी साँस तक 

कितनी जरूरी? कितनी गैरज़रूरी?

बेवज़ह, यहाँ-वहाँ, कहाँ-कहाँ ?


ज़िंदगी आसान है 

जितनी बेवजहों को 

या खामखाँ थोपी हुई मुश्किलों से 

जितना जल्दी करलो किनारा 

ज़िंदगी उतनी ही मुश्किल है

जितनी ज़्यादा देर, उलझे रहो 

गैरज़रूरी या खामखाँ थोपी हुयी मुश्किलों में !

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