About Me

Media and education technology by profession. Writing is drug. Minute observer, believe in instinct, curious, science communicator, agnostic, lil-bit adventurous, lil-bit rebel, nature lover, sometimes feel like to read and travel. Love my people and my pets and love to be surrounded by them.

Thursday, May 16, 2024

Eurovision Song Contest and Invisible Talent Behind

                                     एक जो दिखता है, मगर जैसा दिखता है, बिलकुल वैसा होता नहीं है  

और एक जो होता है, मगर दिखता नहीं है, अदृश्य है 

और मिलकर वो सब बनाता है, जो हमें दिखता है, या जो समझ आता है। 


कुर्सियों पे बैठे लोगों का यही है। उन्हें सही में जो लोग और जो फैक्टर्स मिलजुलकर बनाते हैं, वो आम आदमी को नहीं दिखते। बहुत से हादसों और बिमारियों का भी यही है। सोचो, उस सबको ठीक ऐसे प्रेजेंट किया जाए, जैसे इस शो के पीछे काम करने वाले, इतने सारे लोगों को और टेक्नोलॉजी को?  

Wednesday, May 15, 2024

Eurovision Song Contest Gone Mad?

 Since last few years, it seems Eurovision Song Contest has Gone Mad? 

Not even a single song, one can like?

Look at the winners

Like some monkey on stage?


What is he doing or singing? 


Grrrrrrrr?

इसके आगे भी कोई दुनियाँ है?

अरे नहीं पिछे?
जो सही मायने में ये शो चलाते हैं  --अदृश्य जीव? 
अब उन्हें जानने में रुची ज्यादा है।  

Wednesday, May 8, 2024

What makes a University, University?

University represents 

Knowledge?

Ideas?

Information?

Views?

Independance?

Trends?

True representation of that society?

Or maybe more than that?




कटपुतली का शो? जादू कोई?

कोई कहे छह, मगर एक?

या कोई कहे सात, मगर एक?

जैसे 16 या 17?

या शायद कोई कहे एक या दो। उसके बाद जितना आगे, उतना ही ज्यादा प्रैक्टिकल या व्यवहारिक? या टेक्नोलॉजी और ज्ञान-विज्ञान? जब आपको थोड़ा बहुत भी सिस्टम का कोढ़ समझ आने लगता है तो शायद आप जहाँ-कहीं उसी नज़र से देखने लग जाते हैं। जैसे  

जादू कोई? 

 कटपुतली का शो?

या ज्ञान-विज्ञान?


2019 जादू था। उसके बाद तो दुनियाँ बदल चुकी? 

Let's Fly?
Or Let's Go?

Shout Out Cowboys?
Or O Duck O?
Go Gatots?

Or 
Machines?
Mascots?
Terrains?
Specialities?
Wonders?
And?
Thunders?

Tuesday, April 30, 2024

आपकी या आपकी जगह की पहचान क्या है?

शायद आप कहें की अलग-अलग जगह, अलग-अलग लोगों के लिए, अलग-अलग हो सकती है? निर्भर करता है की आप किससे पूछ रहे हैं? आपका कोई अपना या आपका कोई हितेषी? या आपका कोई दुश्मन या बुरा चाहने वाला? ऐसे ही जैसे अलग अलग तरह की प्रेजेंटेशन, एक ही विषय पर? 

क्या आपका पता या पिन कोड या एक ही गाँव या शहर का पता, आपकी अलग-अलग पहचान बताता है? जैसे 105? एक तरफ किसी ऑफिस में कोई रुम नंबर हो, और दूसरी तरफ किसी गाँव के पते में पिन कोड से अलग कोई नंबर? उसे कहीं और के पिन कोड से जानने की कोशिश करें तो क्या बताएगा? कुछ भी नहीं? या शायद बहुत कुछ, वहाँ के सिस्टम की आपसी पहचान या रंजिश के बारे में?

105 एक नंबर किसी गाँव के पिन कोड से अलग। जहाँ का पिन कोड 124111 

एक और पिन कोड नंबर 125 उसके पीछे कुछ और नंबर हो सकते हैं। या एक और पिन कोड नंबर 221 और उसके पीछे कुछ और नंबर? या 442 और उसके पीछे कुछ और नंबर? या 500 और उसके पीछे कुछ और नंबर? या 124 और उसके पीछे कुछ और नंबर? या 110 और उसके पीछे कुछ और नंबर? या 131 और उसके पीछे कुछ और नंबर? सुना है और थोड़ा बहुत समझ भी आया है की बहुत कुछ बताते हैं। फिर चाहे वो देशी नंबर हों या अंतर्देशीय। अब ऐसे कौन पढता है? गुप्त सिस्टम दुनियाँ भर का। फिर चाहे वो सेना हों या सिविल। दुनियाँ भर की सरकारें वैसे नहीं चलती, जैसे आम आदमी सोचता है। वैसे चलती हैं, जैसे किसी भी समाज का खास आदमी सोचता है। जैसे-जैसे आम आदमी को इस सिस्टम की खबर होती जाती है, वैसे-वैसे खास और आम आदमी का अंतर कम होता जाता है।      

कितनी सारी हमारी IDs (पहचान पत्र), ऐसे ही गुप्त सिस्टम द्वारा हमपर या किसी भी जगह पर चिपकाए गए सिस्टम के बारे में बताती हैं। वहाँ की नीतिओं (Policies) का हमें कितना फायदा या नुकसान होगा, उसकी तरफ इसारा करती हैं। 

Monday, April 29, 2024

मुझे खबरें कहाँ से और कैसे मिलती हैं?

2005 

V अत्री: भाई का ब्याह होग्या? सबते छोटा बाज़ी मारग्या और बड़े? पार्टी तो बनती है। 

V दांगी: हाँ। बिलकुल बनती है। क्या खाना है?

और लो जी, पार्टी हो गई। क्या खाया? याद नहीं। उस पावर हाउस के पास, छोटे-से रेस्टोरेंट का नाम क्या था? याद नहीं। उस पार्टी में कौन-कौन थे? वो भी ढंग से याद नहीं। अब कम्प्युटर थोड़े ही हैं? इतने सालों बाद, इतना याद कहाँ रहता है? एक ज़माना बीत चुका जैसे। 

ये फ़तेह सिंह? ये कौन है भई? Friend List Suggestions में आ रहा है, बार-बार। फोटो की जगह खुद की फोटो नहीं और पोस्ट वगरैह सब ब्लॉक। ओह हो। तो ये कालिया है? Captain V Atri? अब कहाँ का कैप्टेन? अब तो पोस्ट भी कुछ और ही हो गई होगी।  

उसके सालों बाद, कोई दूर का रिलेटिव, दीदी कैप्टेन बोल रहा हूँ, कुछ-कुछ ऐसी-सी ही, मगर अजीबोगरीब नौटंकी खेलता है। और आपको ये अजीबोगरीब जाले से पुरते ड्रामेबाज़ समझ नहीं आते। हमने तो किसी को आप तक नहीं बोला, अगर सीनियर ना हो तो। फिर ये पोस्ट टाइटल क्या बला होता है? उसपे दीदी बोलके? फिर लगता है, कहीं ये भाई कैप्टेन वाला तो गैंग नहीं? ऐसे संबोधन शायद वहीँ होता है?     

वैसे Vi से Virus कैसे बनता है?

जब Vi  R और US या us अलग-अलग सा कुछ हो? Vijay Dangi female नहीं male हो? 

अरे Vijay Dangi नहीं, सिर्फ Vi? बस यही दो शब्द मिलते हैं, इन दो नामों में। बाकी कुछ नहीं।  

ये फ़तेह सिंह कब लगाया तुने? ये कैसे बना? और फिर वापस वही नाम आ गया? मतलब Virus वापिस? अब इसका फतेहाबाद से क्या लेना-देना? 

अबे कमीनों। इतने सालों से गोबर-गणेश खेल रहे हो। कभी लगा नहीं की बता देना चाहिए, ये कौन-सा और कैसा गोबर-गणेश है?

और ओह हो। पंडित जी, आप? बाहमण के? या कालिये? आपको तो कुछ "मालूम ही नहीं? चल क्या रहा है?" वैसे ये ट्विटर पे jack line Farnandis, नहीं Jacqueline Fernandez वाली पोस्ट कुछ समझ नहीं आई? H#16, टाइप-3, वाला JACK फल वाला पौधा है? या गाड़ी का jack, जो टायर बदलने में काम आता है? या hijack टाइप कुछ? मेरे स्टुडेंट्स ने मेरी i10 के बड़े टायर खराब किए। पंचर ऐसे की, टायर ही ख़त्म। और फिर कमेंट्री भी, मैडम गाड़ी hijack हो गई। कैसे बदतमीज़ स्टुडेंट्स हैं। और कैमरा रिकॉर्डिंग मांगो, तो वो उससे भी बदतमीज़। मैडम वहाँ तो कैमरा ही नहीं है। चाहे चारों तरफ कैमरे हों।  

कितने टायर तो पुलिस लाइन के सामने वाली टायर शॉप से लिए। जब कोर्ट में ऐसे सबुतों की बारी आई, तो दुकान ही वहाँ से गुल। और कमेंट्री, हम सबूत ही नहीं, सबुत देने वाले को ही गुम कर देते हैं। कितने ऐसे-ऐसे और कैसे-कैसे केस भुगते होंगे ना, की virus का उदय फिर से हुआ?

कमीनों वाली इस फोटो में कुछ और भी बच गया क्या?

भाई का ब्याह, दुबारा 2023 में?  ब्याह? या? Vi Raj Maan प्रस्तुत हों? महाराजा, दही-राज, ओह हो। Dhee-raj? पधार रहे हैं? और कैसे-कैसे लडुओं के साथ? बालकां नै टेक्नोलॉजी पढान की बजाय, हम उड़ना सिखाते हैं। या उड़ाना? दुनियाँ से ही ख़त्म कर देना? बच्चों तक को ख़त्म कर देते हैं लोग। कैसे इंसान होंगे जो ऐसा करते हैं? पर राजनीती में सब जायज़ है? वैसे कुछ लोगों की सोशल पेज पे बिमारियों से सम्बंधित कुछ नहीं मिला। कोई हिंट तक नहीं। समझ नहीं आया, की ऐसा क्यों?   

Fly भी, कैसी-स्टेज पे उतारने की? आप भी लाओ, अपनी बालाओं को?

अरे तुमने गुड़िया को डांस से मना कर दिया। करने देती, तो क्या हो जाता?     

बोले तो कुछ भी? आपको खुद को पवित्र साबित करने की जरुरत है? वो भी कैसे-कैसे अखाड़ों में? जो सबुतों को ही नहीं, सबुत वालों को या जगहों को ही खा जाते हैं? क्या सिद्ध करना चाहोगे वहाँ तुम? और बच्चों तक को, जो ऐसी-ऐसी और कैसी-कैसी सामान्तर घड़ाइयों का हिस्सा बनाना चाहें? बनाने देंगे आप उन्हें? जानते हुए भी, की परिणाम क्या हो सकते हैं? एलियन जहाँ जैसे?

कुछ-कुछ ऐसे?    


किसे के मायके या ऑफिस में, ऐसे-ऐसे घुसपैठिये घुसे हुए हों, तो क्या कर लोगे? 

मुझे खबरें कहाँ से और कैसे मिलती हैं? ये और ऐसी-ऐसी सोशल साइट्स भी जोड़ लो। मैं इन्हें जानती हूँ? मेरे को लगता तो नहीं ? चलो इसपे एक जोक सुनाती हूँ। जोक?

भाभी के जाने के बाद, माँ का घर आना कम हो गया था। क्यूँकि, अब वो ज्यादातर भाई के घर पे ही रहती हैं, गुड़िया की संभाल के लिए। एक दिन माँ अपने घर वाली एक अलमारी पे ताला लगा गई। और कहीं खबर मिलती है, भाभी ने ताला लगा दिया, पर रस्ते और भी हैं। और आप सोचें, ये क्या बकवास है? लोगों के इस खेल में, क्या का क्या बनता है? बोले तो कुछ भी?    

ऐसे ही जैसे, एक दिन मोदी के घर..... .... मोदी भी पता ही नहीं, कैसे कैसे हैं? कहीं मोदी लड़की मिलेगी और कहीं?   

ऐसे ही जैसे, एक दिन फलाना-धमकाना के घर और...... ..... 

पता ही नहीं कितने ही ऐसे हैं। ये इधर, ये उधर, ये किधर? कौन-कौन और किस, किसके घर घुसा हुआ है? या कहो घुसे हुए हैं और कैसे-कैसे? और महारे गाँवों के शयाने? या भोले? अनभिग, की कौन-कौन और कहाँ-कहाँ और कैसे-कैसे देख-सुन रहे हैं? घर वालों तक से या अड़ोस-पड़ोस तक से ऐसे छुपाते हैं, जैसे किसी सीक्रेट दुनियाँ में रहते हों। इसीलिए कान ज्यादा कटवाते हैं? और कानों के कच्चे भी ज्यादा हैं? दुनियाँ, आज कहाँ है, उन्हें पता ही नहीं। वैसे गाँव क्या, कुछ सालों पहले बहुत-से ऑफिस के लोगों तक को पता नहीं था, की ये सर्विलांस बला क्या है?    

एलियन मतलब छट (6?) 26? या शायद? जानते की कोशिश करते हैं, अगली किसी पोस्ट में।                

Wednesday, April 24, 2024

धर्म? विश्वास? आस्था? रीती-रिवाज़? या?

धर्म? विश्वास? आस्था? रीती-रिवाज़?    

या? 

पढ़े-लिखों का राजनितिक अखाड़ा?  

Story 

Board 

Games 

Story Board?

कहानी, जैसे किस्से-कहानियाँ? इनके (आम आदमी) किस्से-कहानियाँ? या उनके किस्से-कहानियाँ? या उनके या किनके किस्से-कहानियाँ?   

धर्म? विश्वास? आस्था? रीती-रिवाज़? या ऐसा कुछ भी, जो आप सोचते हैं या सोच सकते हैं? या करते हैं? या कर सकते हैं?     

Board Games?  

शिक्षा? शिक्षा का अखाड़ा? पढ़े-लिखों के किस्से-कहानियाँ? या ऐसा कुछ भी, जो ये पढ़े-लिखे सोचते हैं या सोच सकते हैं? या करते हैं? या कर सकते हैं? 

इन पढ़े-लिखों में ज्यादातर वो पढ़े-लिखे नहीं आते, जो सिर्फ और सिर्फ नौकरी के लिए डिग्रीयाँ लेते हैं। या सिर्फ और सिर्फ, पैसे के लिए नौकरी करते हैं।         

और बन गया एक ऐसा सिस्टम या जहाँ, जो ये बनाते हैं या बनाना चाहते हैं। 

Games? दिमागी खेल? = पढ़े लिखे 

               बातों ही बातों में या मिल-बैठकर काम करने वाले या निकालने वाले। 

              या निरे लठ मार = ? ज्यादातर को पता ही नहीं होता, ये मिलबैठकर बात करना क्या होता है? यहाँ   

               जिसकी लाठी, उसी की भैंस होती है।   

शिक्षा हमारा मनोरंजन करती है, और मनोरंजन? वाली पोस्ट से इस पोस्ट का क्या लेना-देना?

शिक्षा हमारा मनोरंजन करती है, और मनोरंजन ?

 शिक्षा हमारा मनोरंजन करती है? 

और मनोरंजन हमें शिक्षा देता है?

एक गाने से ही जानने की कोशिश करें?  


क्या होता है, जब आप कुछ भी सिर्फ देखते हैं?
सुन नहीं पाते, या जो सुनते हैं, वो समझ नहीं पाते?
जैसे ये गाना रशियन में है। 

अगर हम रशियन नहीं भी समझते, तो भी बहुत कुछ देख पा रहे हैं। 
वो जो आप देख पा रहे हैं, वो कोई तस्वीर बना रहा है आपके दिमाग में। 
कोई धारणा या अवधारणा (perception), बिठा रहा है, आपके दिमाग में। 
   
क्या धारणा है वो?

आपको जो समझ आया, उसे आप अपने दिमाग में रखिये। 
अगली पोस्ट में उसमें कुछ और जोड़ते हैं। 

Monday, April 22, 2024

Crazy, Crazy World!

 वो गाने ऐसे देखती है, जैसे नंगी-पुंगी गुड़ियाँ । ऐसे लोगों के लिए --

वो experiment ऐसे करते हैं, जैसे सालों पहले किसी ने बोला था, एक ऐसा Forensic चल रहा है, जहाँ सब नंगा-पुंगा है। लोग इंसानों पे जानवरों से भी बदत्तर experiments कर रहे हैं। और जिसमें पुलिस, डिफ़ेंस, सिविल, इंटेलिजेंस सब शामिल हैं। ईधर भी और उधर भी।  


यहाँ तक तो लैब के नंगे-पुंगे से experiments ही थे?
अरे नहीं, यहाँ Adam ruins everything भी आ गया लगता है। बच्चों के IPAD छोड़े, ना फोन।  

फिर पता चले की, एक ऐसा जहाँ भी है। जहाँ उधेड़ डालते हैं। खाल ही नहीं, शरीर के अंदरुनी भाग भी। अब ये कौन-सा जहाँ है? ये राजनीतिक युद्ध हैं, जो दुनियाँ भर में चलते ही रहते हैं। 24 घंटे, 365 दिन, बिन रुके। जहाँ सब कुछ धकाया जाता है, पार्टियों के जुए के अनुसार। इधर से उधर, उधर से इधर। और लोगों को पता तक नहीं होता, की वो सब अपने आप नहीं होता। लोगों की बिमारियाँ और मौतें, उस अल्टीमेट खेल (जुए) का सबसे घिनौना खेल हैं। जिसमें किसी को नहीं बक्सा जाता। बच्चे क्या, बुजुर्ग क्या, औरत क्या, पुरुष क्या। इंसान क्या, जानवर क्या, पेड़-पौधे क्या, किट-पतंग क्या। जब आप इस जहाँ को देखने और समझने लगते हैं, तो राजनीती क्या, जैसे दुनियाँ से ही मोह भंग होने लगता है। फिर क्या बॉर्डर के इस पार और क्या बॉर्डर के उस पार?

अब अगर शशि थरुर और इमरान खान को ही लें, तो शायद कुछ कहें womanizers? जिसपे यहाँ-वहाँ कितने ही मीम और चुटकुले भी मिल जाएँगे। और कुछ कहें, अपने-अपने विषयों के अनोखे एक्सपर्ट्स? उसपे भी कितना कुछ मिल जाएगा। और भी बहुत कुछ हो सकता है। 

कुछ-कुछ ऐसे ही जैसे, निकोल किडमैन ब्रैस्ट सर्जरी? ये सब कैसे मिलते-जुलते हैं? वैसे ही जैसे शायद, एक आम आदमी इनके बारे में बताएगा या कोई बायोलॉजी लेक्चर अपनी किसी क्लास में? किसी को उनके निजी ज़िंदगी में मिर्च-मसालों के तड़कों के बारे में बात करना पसंद आएगा। तो शायद कोई स्वास्थ्य पर बाजार के बढ़ते दुष्प्रभावों के प्रति बताता नज़र आएगा? कितने प्रतिशत चांस फलाना-धमकाना कैंसर होने के हैं और कितने सालों या डिकेड के बाद, यही जानकर आप अपनी ब्रैस्ट ही उड़वा दो? आपके पास पैसा फालतू है शायद? और जिन्होंने ऐसे-ऐसे और कैसे-कैसे टेस्ट इज़ाद कर दिए, उन्हें लूटने के तरीके मालूम हैं? अब वो निकोल किडमैन या ऐसी ही कोई हस्ती है, तो शायद फर्क नहीं पड़ता?

लेकिन आम इंसान हो तो? उसे भी कहाँ फर्क पड़ता है? ये धंधा आम है और उसे खबर तक नहीं होती। अब किसको कौन-सी बीमारी होगी, ये भी कोड बताएगा? और वहाँ का कोड वाला सिस्टम उसमें सहायता करेगा? ये तो हॉस्पिटल्स और डॉक्टर्स को बदनाम करने जैसा हो गया ना? नहीं। जब सिस्टम की बात होती है तो उसमें बहुत कुछ आता है। और अहम, ज्यादातर डॉक्टर्स को भी बहुत बार पता नहीं होता और डायग्नोस्टिक के सहारे ही चलते हैं? अब इसमें कितना सच है, ये तो डॉक्टर ही बता सकते हैं। या शायद कोरोना काल, कुछ-कुछ ऐसा ही गा रहा था?    
यहाँ कौन सा गाना सही रहेगा? Save Earth by Micheal Jackson? या? ये थोड़ा ज्यादा हो गया, कोई और? 

India's Shashi Tharoor and Pakistan's?

इसे-इसे, माणसां पै कुछ जमता-सा नहीं है ना, भारत का शशि थरुर और पाकिस्तान का इमरान खान?

ये तो  India's Shashi Tharoor and Pakistan's Imran Khan ही कहने में थोड़े जमते-से हैं? 

हिंदी में यूँ कह सकते हैं, 

वो किसना है? 

या 1, 2 का 4?


और हरियान्वी में ? 

जो अपने आपको ठेठ हरियान्वी समझते हैं, वो बताएँ?

वैसे गानों से परे, वापस शशि थरुर और इमरान खान पे आएँ? आप क्या सोचते हैं, इन दो महानों के बारे में? एक बॉर्डर के इस पार और दूसरा? बॉर्डर के उस पार?

Depends की सन्दर्भ क्या है? अगली पोस्ट में जानने की कोशिश करते हैं।