About Me

Happy Go Lucky Kinda Stuff! Curious, atheist, lil-bit adventurous, lil-bit rebel, nature lover, sometimes feel like to read and travel. Writing is drug, minute observer, believe in instinct, in awesome profession/academics. Love my people and my pets and love to be surrounded by them.

Saturday, July 27, 2024

मेरी किताबों की दुनियाँ

आधी अधूरी-सी पढ़ी किताबें? या कवर देखकर, समझने की कोशिश की किसी किताब को, और पन्ने पलटकर रख दी गई किताबें? कभी शायद वक़्त नहीं था, उस विषय को पढ़ने का तो कभी शायद रुची? फिर कुछ ऐसी किताबें या विषय भी हैं, जो एक बार नहीं, बल्की कई बार पढ़े? जाने क्या रह गया था या समझ नहीं आया था एक बार में, उनमें? फिर कुछ-एक ऐसी भी किताबें जो जितनी बार पढ़ी, उतना ही कुछ नया मिला जैसे पढ़ने को? बहुत-सी शायद ऐसी भी किताबें, जो किताबों से नहीं, बल्की, उनके लेखकों के दूसरी तरह के मीडिया से ज्यादा पढ़ी और समझी? जैसे ब्लॉग्स से या खबरों से या लेक्चर्स या और छोटे-मोटे वीडियो से? 

बहुत-सी किताबों को या विषयों को पढ़ने या समझने का मतलब, सिर्फ थ्योरी नहीं होता, बल्की प्रैक्टिकल होता है। ये किसी प्रैक्टिकल ने ऐसे और इतने अच्छे-से नहीं समझाया, जितना केस स्टडीज़ ने। कैंपस क्राइम सीरीज़ तो सिर्फ एक छोटा-सा ट्रेलर था। 

वो फिर चाहे एक तरफ माँ का Gall Bladder Stone ऑपरेशन रहा हो, तो दूसरी तरफ December 2019, एग्जाम फ्रॉड। मेरा अपना March 2020 backside terrible pain और हॉस्पिटल में टैस्टिंग के नाम पे kidney stone है या gall bladder stone है, जैसे ड्रामे। उसपे दूध की थैली से निकला जैसे सोडा, जिसमें कोई स्मैल नहीं और कोई खास स्वाद में फर्क नहीं देख, मेरा रोहतक से नौ दो ग्यारह होना हो, अपने गाँव। और कोरोना की शुरुवात जैसे। सही बात है, आप इतना कुछ कैसे सिद्ध कर पाएँगे? पागल नहीं तो क्या कहलाएँगे? सबसे बड़ी बात, ऐसी-ऐसी और कैसी-कैसी रिकॉर्डिंग्स, बड़े-बड़े लोगों के पास होने के बावजूद। फिर ऐसे-ऐसे पागलों पे देशद्रोह भी चलता है? ऐसे-ऐसे Mentally Sound (?) लोगों को या so-called officers को आप क्या कहेंगे? वो तो सब कुछ IRONED OUT कर देंगे? 

वैसे, इस IRONED OUT का सही मतलब क्या है? वैसे तो एक ही शब्द के कितने ही मतलब हो सकते हैं। जैसे एक पहले वाली पोस्ट में पढ़ा जैसे? और कुछ और सामने आए, जैसे?   

आयरन खत्म कर, मारना जैसे?

या ANEAMIA कर मौत तक पहुँचाना जैसे? लो जी, एक और कोड आ गया, ANEAMIA   

या?

मार-पीट कर यूनिवर्सिटी से ही नफरत करवाना जैसे? की ऐसे माहौल को छोड़, वो खुद ही भाग जाए?

या PRESSED OUT जैसे? Pressed को Processed भी लिख सकते हैं?    

इतना कुछ सिर्फ थ्योरी वाली किताबों से कहाँ समझ आता है? उसके लिए आपको ईधर-उधर, आसपास, बहुत-कुछ, देखना-सुनना और समझना पड़ता है। कभी समझ आ जाता है। कभी-कभी शायद दिक्कत भी होती है, समझने में। मगर रिसर्च या केस स्टडीज़ की किताबें, शायद ऐसे ही छपती हैं। जितने बड़े एक्सपर्ट, उतनी ही, गूढ़-सी कहानियाँ जैसे। कुछ ऐसी-सी किताबें पढ़ी हैं। जो अपने आप में केस स्टडीज़ हैं या केस स्टडीज़ जैसी-सी ही हैं। साइंस, टेक्नोलॉजी, मीडिया, कल्चर का मिश्रण, सब साथ-साथ चलता है। Highly Interdisciplinary दुनियाँ में हैं हम। फिर कुछ कविताओं की या बच्चों की किताबें भी हैं, जिन्हें शौक कह सकते हैं आप। जब कुछ खास पढ़ने-लिखने का मन ना हो, तो उन्हें उठा लो। तो कहाँ से शुरू करें? केस स्टडीज़ से? कविताओं से? या बच्चों जैसी-सी किताबों से?    

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