दूसरी भाषा में, दूसरे शब्दों में, घुमाऊ-फिराऊ, या फिर सीधे-सीधे भी? उसपे फिट भी हो, आप पर या आपके आसपास पर? आपके हालात पर, उसके कारणों या निवारणों पर। कभी-कभी हकीकत भी हो सकती है। और कभी-कभी, सिर्फ हमें ऐसा लग सकता है या समझ आ सकता है। वो समाधान भी हो सकते हैं। यूँ की यूँ, हकीकत भी या बढ़ा-चढ़ा रुप भी। या उसे किसी और तरफ घुमाना भी। और भी बहुत-कुछ कहा और किया जा सकता है। बातों ही बातों में। आमने-सामने भी और रिमोट कंट्रोल से भी।
जैसे एक रौचक सी पोस्ट रोबोट डॉग इंटरनेट जैमर
https://www.schneier.com/blog/archives/2024/07/robot-dog-internet-jammer.html
आम आदमी को समझाने के लिए कोड की बात करें तो? कुत्ते (रोबॉट) ने, इंटरनेट को बंद किया या बैन किया या जैम किया। कुत्ते को बच्चा चाहिए और वो इंटरनेट से पैदा नहीं हो सकता। अब कुत्ता यहाँ रोबोट है। मशीन है। या फौजी है। क्यूँकि, युद्ध के फौजी भी मशीन ही होते हैं।
इसे शायद यूँ भी समझ सकते हैं
1. R O B O T
2. D O G
3. I N- T E R N -E T
4. J A M M E R
हालाँकि, कोड के हिसाब से तो कितनी ही तरह से लिखा जा सकता है और कितने ही मतलब हो सकते हैं। यहाँ सिर्फ आम आदमी की समझ के लिए है। कोई नाम हो सकता है, जगह का या स्थान का। कोई ग्रेडिंग हो सकती है। जैसे ABCD और कोई Block करना हो सकता है। जैसे R या M
इन सबके लिए आम आदमी को कहीं भी धकेला जा सकता है। खदेड़ा जा सकता है। हॉस्पिटल पहुँचाया जा सकता है। या दुनियाँ से ही उठाया भी जा सकता है। जैसे OXYGEN ख़त्म हो गई। और किसी R वाले या वालों को किसी खास तारीख, खास समय पर, खास जगह पहुँचाकर, खास तरीके से उठा देना। इनमें से ये खास तरीकों से इतना कुछ आम-आदमी की जानकारी के बिना होता है। कौन करवाता है, अहम है? या कहना चाहिए करवाते हैं। कैसे? उससे भी ज्यादा अहम है। इसे मानव रोबॉट बनाना बोलते हैं।
जैसे?
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