मेरे घर से निकल?
ऐसे शब्द, ज्यादातर गरीब और कम पढ़े-लिखे तबकों में ज्यादा सुनने, देखने को मिलते हैं। पढ़े-लिखे और समर्द्ध इलाकों में नहीं। क्यूँकि, वहाँ सबके पास कम से कम, इतना-सा तो होता ही होगा? वैसे भी, ऐसी-ऐसी, छोटी-मोटी सी लडाईयाँ, छोटे-मोटे लोगों के यहाँ ही ज्यादा होती हैं। बड़े लोगों के यहाँ, ऐसी-ऐसी, आम-सी जरुरतों के लिए नहीं, बल्की किन्हीं खास वर्चस्वों या अहमों की लड़ाईयाँ होती होंगी। जैसे कुर्सियों की, सत्ताओं की। वहाँ तो लोगों के पास घर भी एक नहीं, बल्की कई होते हैं। और घर के हर इंसान के नाम होते हैं। अच्छे-अच्छे शहरों और देशों में होते हैं।
इनमें से किसका देश ज्यादा विकसित है?
भारत? BHARAT? इंडिया? या INDIA? वैसे आप कौन-से वाले भारत में रहते हैं? जो अपने आपको विकसित कहते हैं, वहाँ वालों को तो ऐसा कुछ, शायद ही कभी देखने-सुनने को मिलता होगा? जैसे, "मेरे घर से निकल"? या मिलता है? शायद, जिन्होंने रेंट पे दिए हों, वहाँ हो सकता है?
या शायद सरकारी मकान वालों को भी? वहाँ भी कहीं, ऐसा कुछ देखने-सुनने को मिलता है क्या? भारत जैसे देश में शायद? बड़े साहबों के बच्चे, किन्हीं गरीबों द्वारा ऐसा कहलवा सकते हैं? क्यूँकि, so called बड़े लोग, आपको शायद ही कभी ऐसे केसों में आमने-सामने मिलें। हाँ। दूर बहुत दूर बैठे जरुर, वो सब कर रहे होंगे या देखते-सुनते होंगे। वो भी लाइव, उसी वक़्त, अगर चाहें तो। या रिकॉर्डिंग्स बाद में, अपनी सुविधा अनुसार।
और पुस्तैनी जमीनों पे? यहाँ भाई, बहन को कहते मिल सकते हैं? माँ या बेटी को भी? और शायद बीवी को भी? या शायद, कमजोर भाइयों को भी? सिर्फ कह नहीं सकते, बल्की ऐसी सब जगहों पे मार-पिट भी सकते होंगे? वैसे भी, मेरे महान "यत्र पूज्यन्ते नारी, रमन्ते तत्र देवता" वाले देश में तो? थोड़ा गलत लिख दिया शायद?
गूगल बाबा से पूछें?
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