बैल, बाल से परे
अंजान-अज्ञान लोगों के
मानसिक धुर्वीकरण से परे,
आम आदमी को,
इस बैल या बाल के
ज्ञान-विज्ञान से अवगत कराने की जरुरत है।
जिनमें उलझाकर आमजन को
ये राजनीती वाले अपना उल्लू-सीधा करते हैं।
ऐसे घुमाओं-फिराओं को
सीधा-सहज कर, उनकी भाषा में बताने की जरुरत है।
कैसे भला?
आप सोचो तब तक। आते हैं इस पर भी।
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