Tuesday, August 5, 2025

Interactions और किस्से-कहानियाँ? 25

 Word of the day?

Infantilize 

Interesting?
Fancy word? Or a fact?  
ज़िंदगी के कुछ कड़वे अनुभव ऐसे भी हुए 
जब एक-एक करके आपको committees से निकाल फैंका गया। ये सिलसिला 2014 में शुरु हुआ था। मोदी गवर्न्मेंट आने के बाद। 
जब आपके professional development zone पर जैसे एक full stop लगा दिया था। कुछ खुद मैंने, किन्हीं कड़वे अनुभवों की वजह से। और ज्यादातर किसी या किन्हीं पार्टियों द्वारा या सुरक्षा के नाम पर। 
2015, जैसे कहीं भी निकलना बंध हो गया था। 
2017, जब घुटन ज्यादा महसूस होने लगी तो जैसे उन्होंने कहा, "ये हैं हम"। मेरे resignation के बाद एक पत्र मेरी माँ को भेझा गया, गाँव, की आपकी लड़की ने नौकरी छोड़ दी है और वो डिपार्टमेंट नहीं आ रही। जब की वो यूनिवर्सिटी (?) की नौकरी करने वाली वयस्क लड़की, उन्हें अपना पता, फ़ोन नंबर और मोबाइल नंबर तक देकर गई थी। फिर ये कैसा धंधा कर रहा था वो director, समझ से बाहर था। किसी और ही सदी में 10 पास माँ, उसमें भला क्या करती? उन्होंने मुझे बताया और मैंने कहा, जहाँ से आया है, उसी पते पर वापस भेझ दो इसे या लो ही मत। आपको मालूम क्या है की वहाँ चल क्या रहा है? मेरे जाने के बाद क्यों बुला रहे हैं वो आपको? और उन्होंने वैसा ही किया। वापस बुला कर फिर से ज्वाइन करवाने की शायद एक वजह ये भी रही। उन्हें लगा शायद घर वाले अपने आप निपट लेंगे, दकियानुशी पुराने विचारों के लोग है। पर पता चला की वो तो उनकी सुन ही नहीं रही। और अब कोशिशें हुई, फाइलों के द्वारा कंट्रोल करने की और यूनिवर्सिटी से ही बाहर फेँकने की। जिसका थोड़ा बहुत जिक्र वीरभान लैब केस और साइको ट्रीटमेंट के बाद, बाहर किराए पर मकान लेने का है। और फिर वहाँ कैसे-कैसे ड्रामे हुए जो प्लान सैक्टर 14 की तरफ इशारा थे। और मैंने यूनिवर्सिटी कैंपस छोड़ा ही नहीं। तो क्या होना था? मार-पिटाई (2019), कोविड (2020)? Kidnapped by police drama (2021)। और तंग आकर मेरा फिर से रिजाइन कर देना।  2019, 2020, 2021 फाइल्स, आज तक पब्लिश नहीं हो पाई? क्यों? ऐसा क्या है उन फाइल्स में? हालाँकि, उनकी कॉपियाँ दुनियाँ भर में बट चुकी, खासकर मीडिया के माध्यम से। राजनीती और विज्ञान का एक अलग ही रुप पेश करती हैं वो। Political और Science (Interdisciplinary Science)          

ये सब बहुत देर से समझ आया, की ये किस तरह की सामान्तर घड़ाई थी? ये कौन माँ थी, जो मेरी जानकारी के बैगर, मेरे फैसले ले रही थी? और ये भी, की बहुत कुछ इस जहाँ में ऐसी-ऐसी और कैसी-कैसी सामान्तर घड़ाईयाँ खा गई। क्यूँकि, वो so called माँ, मेरी माँ से कहीं नहीं मिलती। ना उनके हालात या वातावरण। बहुत कुछ गलत इस जहाँ में, सामान्तर घड़ाइयों की वजह से है। बहुत कुछ गलत इसलिए हो रहा है या हुआ है, की कुर्सियों पर बैठे अधिकारी या कर्मचारी वो नहीं कर रहे, जिसके लिए उन्हें वहाँ बिठाया गया है। बल्की, किसी कोढ़ स्वार्थ राजनीतिक दुनियाँ के इशारों पर चल रहे हैं।           

जैसे सामान्तर घड़ाईयोँ वाली बिमारियों या मौतों की ही बात करें तो ये वो भयावह दुनियाँ है जिसकी हकीकत जानकार कोई भी थोड़ा सा भी दिमाग वाला इंसान यही सोचेगा, की कैसे लोग हैं, जो ऐसी-ऐसी और कैसी-कैसी सामान्तर घड़ाइयाँ घढ़ रहे हैं?  

विटिलिगो से शुरु किया है, तो चलते हैं विटिलिगो और ऐसी सी ही दिखने वाली और बिमारियों पर। जानने की कोशिश करते हैं, की इसमें कितना ऑटोमैटिक सिस्टम अटैक है और कितना एन्फोर्स्ड? 

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