Tuesday, August 5, 2025

Interactions और किस्से-कहानियाँ? 26

विटिलिगो से शुरु किया है तो चलते हैं विटिलिगो और ऐसी सी ही दिखने वाली और बिमारियों पर। जानने की कोशिश करते हैं, की इसमें कितना ऑटोमैटिक सिस्टम अटैक है और कितना एन्फोर्स्ड? 

Enforced Stress

ज़िंदगी में छोटे मोटे स्ट्रेस सबकी ज़िंदगी में होते हैं। लेकिन, अगर वो ज्यादा लम्बे वक़्त तक रहें तो बिमारियों की वजह बनने लगते हैं। पहले छोटी मोटी सी बिमारियाँ और फिर बड़ी। कुछ एक स्ट्रेस यहाँ वहाँ लगे ही रहते हैं। मगर कुछ? जबरदस्ती के दिए जैसे। जब आप उनपर गौर फरमाने लगोगे तो समझ आएगा की ज्यादातर स्ट्रेस से छुटकारा आपके अपने वश में होता है। हालाँकि, हमारे समाज में ऐसा कहना, खासकर कुछ खास तबकों में और वो भी औरतों के केस में थोड़ा सही नहीं लगता। 

मगर किसी भी इंडिपेंडेंट लड़की के केस में ये बहुत मुश्किल नहीं है, अगर कोशिश की जाए तो। Leave those people and places, who give you unnecessary stress. फिर चाहे वो ऑफिस है या आपका आसपास। आपकी बहुत-सी स्वास्थ्य से सम्बंधित समस्याएँ  जैसे अपने आप ख़त्म हो जाएँगी।   

Chemicals Attack 

ये या तो जहाँ आप रह रहे हैं, वहाँ के खाने पीने या हवा में वातावरण या सिस्टम में ही रचे बसे से हैं या जबरदस्ती आपकी जानकारी के बिना कहीं से आ रहे हैं। भारत जैसे देशों में, ज्यादातर जगहों पर ये सिस्टम का हिस्सा हैं। खासकर, अगर आप किन्हीं अच्छी जगहों या सोसाइटीज में नहीं रहते तो। जैसे गाँव या शहरों की ज्यादातर बाहर की कॉलोनियाँ। ज्यादातर शहरों के भीड़ भाड़ वाले या तंग इलाके, फिर चाहे वो खुद को उस शहर के अच्छे हिस्सों या सोसाइटी में ही क्यों ना गिनते हों। हाँ। अगर किसी यूनिवर्सिटी तक में अगर ऐसा हो, तो मान के चलो की वो enforced attacks हैं। और उनसे निपटने के तरीके हैं। 

Psychological influences or attacks. Isolation on whatever name or excuse और भी बहुत सी ऐसी सी वजहें? खासकर देखने सुनने को मिलती हैं, ऐसे केसों में?   

Heat Attacks 

इसे जानना कुछ ज्यादा ही रौचक रहा, खासकर, गाँव आने के बाद। वो आपके AC को रिमोट कंट्रोल कर रहे थे। वो चाहे घर का हो या कार का। ऑफिस में शायद, ये समस्या नहीं थी। या थी, तो इतना महसूस नहीं किया। कूलर का तब तक ज्यादा अनुभव नहीं था। उसके तमासे तब ज्यादा महसूस हुए, जब गाँव आने के बाद मैंने AC heat से तंग आकर, AC को ही टाटा बाय-बाय कह दिया। 

कूलर में तो आग ही लगाने लगे थे। वोल्टेज अटैक करके पहले उसे जला दो और फिर ठीक करने वाला यहाँ-वहाँ नंगी तार छोड़ जाएगा। पता नहीं इतना ही था, या इससे आगे भी किसी तरह का रिमोट कंट्रोल। High humidity, high temperature of North Indian summer and too less light hours. Light cuts, voltage high, down problems . In such conditions, how body will feel? Experienced , felt and watched literal skin burns. हाथ और पैर खासकर जैसे टूट रहे हों और जैसे कोई अद्र्श्य लेज़र अटैक हो रहा हो। 

कहीं आसपास ही कोई दादी कैंसर से मर रही थी। और कहीं कोई केजरीवाल जेल में लैटर लिख रहा था, मुझे मारने की कोशिशें हो रही हैं। आप सोचो शायद, की इन सबका आपस में क्या कनेक्शन? मैंने भी बहुत से केसों में कुछ ऐसा सा ही सोचा। 

इन सबका शायद कुछ-कुछ ऐसा सा ही कनेक्शन है, जैसा आपके यहाँ पानी के टैंकर और दिल्ली के पानी के टैंकर। टैंकर का पानी क्यों? घरों में पीने लायक पानी की सुविधा क्यों नहीं है, कुछ खास जगहों पर?

ऐसे ही जैसे कहीं AC, cooler heat अटैक्स तो कहीं, दूसरे जीव भी भुगत रहे थे ऐसे-ऐसे अटैक्स? खाने पीने में? कुत्ते, बिल्ली, गाएँ, भैसें? उनके staged show देखकर तो ऐसा लगे, वाह क्या ट्रैनिंग है या लाइव शो है और आपको मालूम तक नहीं? अब जब इंसान तक को नहीं पता चलता, की उनसे कैसे-कैसे शो कौन करवाते हैं? तो इन बेचारे बाकी जीव-जंतुओं को कैसे पता चलेगा?   

और heat अटैक जब आपके खाने-पीने में आते हैं, तो कहीं आप बेचैनी में हाथ-पैर मार रहे होते हैं या बेचैनी होती है और घूम रहे होते हैं। तो कहीं उसके साथ-साथ मुँह में छाले, जैसे प्रसाद होते हैं। ऐसे मौसम में भी जब कोई खास गर्मी ना हो।  

ये सब "Show Don't Tell" राजनीतिक पार्टियों के खास गुप्त-गुप्त सामाजिक सरोकार, या प्रोग्राम का हिस्सा होते हैं? सही सुना आपने, सामाजिक सरोकार। एक दूसरे के खिलाफ। एक दूसरी पार्टी के लोगों के खिलाफ, जहाँ Hype या Twisters की कोई हद या सीमा नहीं होती। सीमा से कई सीमाएँ याद आ गई। कुछ बॉर्डर के इस पार, तो कुछ बॉर्डर के उस पार। 

कुछ जो ये पढ़कर सोच रहे हैं शायद, दिल्ली दूर है और बॉर्डर पार पास? ख्वाब है या कोई हकीकत? कुछ-कुछ ऐसे ही जैसे, किसी सुष या ऐश की कॉपियाँ, जाने कितने रुप रंगों और लिंगों में? चाहे एक दूसरे से कुछ भी ना मिलता हो? मगर फिर भी, कुछ-कुछ मिलता है जैसे? कुछ भी ऐसे, जैसे, दिल तो बच्चा है जी?                          

और भी बहुत से ऐसे से कारण या कारक (factors), जो की enforced हैं। जिनका दुस्प्रभाव सारे समाज पर देखा जा सकता है। शुरु में पता ही नहीं था की ऐसा कुछ हो रहा है। जब पता चला तो और बहुत तरह की चालाकियाँ या छलकपट सामने आए।   

I believe that each and every person is unique, just like each and every case. सामान्तर घड़ाईयोँ में खामियाँ बहुत होती हैं। एक ढूँढने लगोगे, हज़ार मिल जाएँगी।  

No comments: