दुनियाँ में सिर्फ उतनी ही किस्म की बिमारियाँ हैं, जितनी कहीं की भी राजनीती या सिस्टम ने पैदा की हैं। न उससे कम और न ही ज्यादा। अगर कहीं की राजनीती कहती है की ये बिमारी है तो इसका मतलब? वो बिमारी हो या ना हो, मगर वो उसे पनपाने की कोशिश जरुर करते हैं।
ऐसे ही जैसे दुनियाँ में कितनी तरह की छीनाझपटी या गुंडागर्दी है?
एक तो पीछे देखा-सुना बुलडोज़र राज? किनको उजाड़ के किनको बसा रहा है ये बुलडोज़र राज? या किसे बसाया? घरों को उजाड़ के मंदिर? घर ही मंदिर नहीं तो मंदिर के रोड़ों, पथ्थरों या ईंटों में क्या होगा? ऐसे-ऐसे मंदिर या मस्जिद या कोई भी so called उजाड़ु धर्मात्मा मुझे तो? राक्षस से कम नहीं नज़र आते। ये कैसा धर्म और किसका धर्म? अच्छा, उन्होंने किसी को उजाड़ के वहाँ अपना बनाया? धर्म परिवर्तन? या सिर्फ राजनीती और लूटखसौट? 20-25 साल से जिनके साथ ये हो रहा था, तुमने तो सुना है उन्हें भी उखाड़ फेंका? मारकाट? हिंसा? किस धर्म में जायज़ है? तरीके तो और भी बहुत हो सकते हैं? मतलब धर्म-वर्म कुछ नहीं, घटिया राजनीती। या महज़ कुर्सियों के लिए मारकाट?
बीजेपी मंगलसूत्र अहम बताया? भला ऐसे काँड धरे मंगल के यहाँ, तो मंगल होना ही चाहिए? या? ये किसी और मंगल सुत्र की बात है? अरे वो संविधान? जिसमें लड़कियों को मारा-पीटा जाता है? धोखाधड़ी से यहाँ से वहाँ फेंका जाता है? और सुनो पढ़ाई-लिखाई कुछ नहीं होती। शिक्षा-विक्षा क्या बला है? शिक्षा संस्थानों में पढ़ने-पढ़ाने कौन जाता है? धर्म के नाम पर अधर्म, छुआछात और मारपिटाई या धोखाधड़ी करने जाते हैं? झुठे-सच्चे नंबरों की दौड़ में, हमारे बड़े-बड़े संस्थान? सब जायज़ है? मंगल सूत्र संविधान का हिस्सा है, मगर अगर आप शादी शुदा नहीं हैं तो? या बच्चे नहीं हैं तो? कौन से अधिकार? कैसे अधिकार? किसके अधिकार? जिसकी लाठी उसकी भैंस का नाम ही संविधान है।
वैसे कितनी तरह के संविधान हैं दुनियाँ में? शायद आपने भी कभी नहीं पढ़ा हो? जानने की कोशिश करें? वैसे ज्यादातर सुना है Transectional हैं? बड़े ही अजीबोगरीब तरीके के? बड़े ही अजीबोगरीब कोढ़ो वाले? जानते हैं आगे।
No comments:
Post a Comment