इंसान को रोबॉट बनाने में तीन तरह के तरीके अहम हैं
एक, लालच
दूसरा, डर
और तीसरा?
भ्रम , उलझन, आशँका, शक की स्तिथि पैदा करना।
जैसे, किसी वस्तु की आपको जरुरत नहीं। मगर, उसकी जरुरत दिखाना या समझाना। जो काम आप खुद करने में सक्षम हों, मगर, आपको इतना लाचार या बेचारा कर देना की भ्रम या शक पैदा हो जाए, की क्या आप उसे कर सकते हैं?
जो आपका भला चाहते हों, उनके खिलाफ आपके दिमाग में शक या भ्रम पैदा करना।
किसी भी तरह से कमजोर करना। वो मानसिक भी हो सकता है। शारारिक भी। और आर्थिक भी। और इन सबका मिला-जुला रुप भी।
जहाँ काम आराम से किया जा सकता हो, वहाँ जल्दी-जल्दी करवाना। जैसे कुछ छूटा जा रहा हो। जहाँ काम सबको साथ लेकर या मिलकर करने से अच्छा बने, वहाँ छुपम-छुपाई खेलवाना, जिसकी कोई जरुरत ही ना हो। खासकर, किसी ऐसे इंसान को दूर रखकर, जो उस बारे में थोड़ा बहुत जानता हो और आपका हितकारी भी हो। मानकर चलो, की ज्यादातर छुपम-छुपाई वाले काम नुकसान करते हैं और वहाँ कुछ न कुछ छुपा हुआ गलत हो रहा होता है।
साइकोलॉजी, आज के युग के युद्धों का बड़ा हिस्सा है।
उसके साथ-साथ फिजियोलॉजी भी। शरीर के अंदर या बाहर के कैमिकल्स, द्रव्यों या तापमान वैगरह से छेड़छाड़। जो शरीर की क्रियाओं या प्रक्रियाओं पर प्रहार होता है। ये सब ना सिर्फ गुस्सा या शाँति लाने के साधन हैं। बल्की, बिमारियों के भी। ये सब सिर्फ आपके आसपास का वातावरण बदलने से भी किया जा सकता है और कुछ तरह के खाने-पीने, दवाई या कैमिकल्स से भी। और दोनों तरह के तरीके अपनाकर भी।
आप क्या देखते हैं, क्या सुनते हैं, क्या खाते या पीते हैं, क्या पहनते हैं और कैसे लोगों के बीच रहते हैं, ये सब आपके जीवन पर गहरा प्रभाव छोड़ते हैं। वो जो आप एक तरह के वातावरण और लोगों के बीच रहकर देखते, सुनते, खाते पीते या पहनते हैं, हो सकता है सही हो। मगर वही दूसरी जगह, वातावरण या लोगों के बीच नुकसान कर सकता है। इसलिए आप कैसे माहौल या लोगों के बीच रहते हैं, बहुत महत्व रखता है।
कोई भी सिस्टम तीन तरह से काम करता है
Autonomous System जैसे, ऑटोमैटिक वॉशिंग मशीन
Semiautonomous System जैसे, सेमिऑटोमैटिक मशीन
Enforced System जैसे, बिना वॉशिंग के कपड़े धोना
इंसान को रोबॉट बनाने में ये तीनों सिस्टम अपनी-अपनी तरह की भूमिका निभाते हैं। तीनों सिस्टम अलग-अलग तरह से इंसान पर अपना प्रभाव छोड़ते हैं।
सिस्टम की सबसे छोटी कड़ी आप खुद हैं क्यूँकि इंसान भी एक सिस्टम है, जो अपने को जीवित रखने और चलाते रहने के लिए अपने अंदर ढेर सारे और छोटे-छोटे सिस्टम लिए हुए है। ऐसे ही इंसान के बाद, उसके घर या आसपास का सिस्टम और फिर उससे बड़ा और बड़ा सिस्टम। जानने की कोशिश करें की ये तीन तरह के सिस्टम काम कैसे करते हैं?
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