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Monday, December 9, 2024

महारे बावली बूचाँ के अड्डे, अर घणे श्याणे? 6

 चमेली के फूल खिले थे 

और रामकली आ गई? 


भँवरे ने खिलाया फूल और फूल को? 


भोली के, भोले न, भोला (SHIV) घड़ा?  

और कौरदे के बलदेव के यहाँ कांड हुए?  


कमेरी ने विप ? वीप ? बिप ? VIP तैयार किया? 

और कामना के यहाँ काली ने जैसे IP घड़ा? 


बोतड़ू के बटोड़े?

और जिधर भी देखो, गोसे ए गोसे?  

जुकर, गादड़ी के शेर?  


कार सेवकों ने R SD बिछाई, जैसे RDX कोई? या? 

और उसपे मानो JK सीमेंट की चादर चढ़ाई? यूँ लगा जैसे कोई मजार जार-जार होकर ----

और उधर से जैसे जारा का उदय हुआ? अंग्रेजां के जिस अक्सर पर सारे अक्सर खत्म हो जाएँ, उसे Z कहते हैं? और Z से रिवर्स गियर लगा दें तो ZA? R और लगा कर A को उसके पीछे करदें तो RA? और इनको मिला दें तो? ZARA? जारा हिन्दू है, की मुस्लिम? ईसाई है, की सिख? या सब राजनीतिक पार्टियों का खिचड़ीनुमा हथियार हैं ऐसे-ऐसे कोढ़? जिसे जैसे भी सूट करे, वैसे ही घुमा देती हैं इन कोढों को, ये राजनीतिक पार्टियाँ और बड़ी-बड़ी कम्पनियाँ मिलजुलकर? आप उलझे रहो ABCD तक?          

  

लेवल जीरो? कहाँ से? 

और गँगा उल्टी बहने लगी? 

फौजी के कार सेवकों के एरिया से समंदर की तरफ?

या रामगढ़ की तरफ? या राम नगर तरफ? या मोदी के पहाड़ की तरफ?    

और पास का मंदिर सुबह-सुबह गाने लगा, "मैं गँगा माँ हूँ। ना मानो तो बहता पानी?" 

पानी उल्टा कब बहता है? माँ? 

बोलो VANDE MATRAM? 

वन (वास) दे, मात-राम?    


वाल्व टाइट? या लूज़? या बंद? कहाँ का? किसका? किसी आदमी का? मशीन का? किसी घर या ऑफिस का? और कौन-से हिस्से का? ABCD से आगे सिर्फ एक शब्द को जानने से सब नहीं समझ आना। कोढों के इस जाल के ABCD और छोटे-छोटे पानी की बूँद से शब्दों से आगे बहुत बड़ा महासागर है।  

 

14 स्पैशल ज़ोन बाहर धर रे सो बेबे? 

डिज़ाइन स्पेशल? कहाँ का? किसके घर या ऑफिस का? 

अंदर का या बाहर का? ये जाल किसी के घर के अंदर हो सकता है और किसी के घर के बाहर?

देखो अपने अपने घरों के डिज़ाइन?  

राज मिस्त्री की घड़ाई? या राज मिस्त्री की, की हुई घड़ाई? दोनों में बहुत फर्क है। 


सिस्टम बंद? या चालू है? किसकी या किनकी मशीन का? आदमी का? या मौहल्ले का? या गाँव, शहर या राज्य या देश का? चालू है? चलता है? या ठीक-ठाक है?    

तो कोढ़ की ABCD से आगे भी बहुत कुछ है। जो सीधा नहीं, जलेबी जितना-सा टेड़ा नहीं, बल्की, अलगोज़ (Algorthims) जितना उलझ-पुलझ? या टेढ़ा-मेढ़ा और महीन धागे के उलझने या उलझाने के जैसा-सा? सुलझ या सुलभ है?         

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