About Me

Media and education technology by profession. Writing is drug. Minute observer, believe in instinct, curious, science communicator, agnostic, lil-bit adventurous, lil-bit rebel, nature lover, sometimes feel like to read and travel. Love my people and my pets and love to be surrounded by them.

Wednesday, December 11, 2024

महारे बावली बूचाँ के अड्डे, अर घणे श्याणे? 8

बता तैने तै, लोग अर लुगाई भी पच्चाण ना आए? 

तैने बालक अर बुजुर्ग का फर्क भी ना बेरा के? 

सबमें दीमक का डीमडु देख ग्या के तू?

ताऊ ईब तही कई गली और नाप ग्या। वो कितके दीमक के डीमडु पै रुकै था?


राज? आहें राज। कद (कैद) आगी बेटी तू? और घर पै सब राजी खुशी सैं बेटी?

थोड़ा और आगे चलकर 

राजेश सै के तू भाई? जेल तै छुट्टी मिलैगी रै तैने?

थोड़ा और आगे चलके 

आहें बिजली, अजहर ठीक सै बेटी?

थोड़ा और आगे चलके 

आहें जया, बेटी घर कुनबा राजी?

थोड़ा और आगे चलके 

यो टोनी सै के? बेटा आजकल कित रहया करै?

थोड़ा और आगे चलके 

रै इस मोदी गेल कित चाल्या जा सै भाई? यो तै आज घणी पी रहा लागै सै। 

थोड़ा और आगे चलके 

आहें बेटी हेमा, धरमा ठीक सै?

  

यो ताऊ तो दिखना ए बंद हो गया? धुंध घणी सै भाई आज तै? ताऊ फेर दिखा, तै आगे की खबर चालैगी? 

तब तक आप सोचो, यो ताऊ कौन सै?   

फेर दिखा तै मतलब? ये ताऊ तो किसी न किसी रुप में हर रोज हमारे आसपास ही तो नहीं रहता?

फिर क्या धुंध, क्या बारिश और क्या धुप?       


क्या आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस (AI) वो ताऊ हो सकता है?


ये उस ताऊ की बात नहीं हो रही जो आप समझ रहे हैं। बल्की, आज की दुनियाँ के स्मार्ट हाईटैक ताऊ या ताऊओं की बात हो रही है। ताऊ मतलब, हर किसी का बड़ा? या हर किसी से बड़ा? इसे आप ताई भी कह सकते हैं। और दादा या दादी भी। 

AI पर इतना बवाल क्यों है? क्या ये सच में दुनियाँ भर की कुर्सियों को घुमा रहा है? और ऐसे-ऐसे लोगों की ज़िंदगियों को भी, जिनके पास जीने के लिए रोटी, कपड़ा और मकान जैसी सुविधाएँ तक नहीं है? क्या AI, सिस्टम-डिज़ाइन कर रहा है, दुनियाँ भर में? या सिस्टम-डिज़ाइन करने में थोड़ा बहुत ही कारगार है? 

या AI से आगे भी बहुत कुछ है, सत्ताओं और कुर्सियों के इस खेल में?     

No comments: