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Wednesday, July 2, 2025

Interactions और किस्से-कहानियाँ? 7

30.06.2025

Clinic Cardio?

Or?

Goli? या Go Li?

कुछ इन्हें le li गैंग भी बोलते हैं शायद। 

रौचक? क्या से क्या बनता है?

और बच्चों वाली-सी कोई सिंथेसिस करनी हो तो? 

Synthesis? What the hell is this? राजनितिक पार्टियाँ करती हैं ये synthesis? या बोलना चाहिए, इस या उस पार्टी से सम्बंधित इन विषयों के जानकार। कितनी सारी बिमारियाँ, इन्हीं synthesis की देन हैं। बिमारियाँ ही नहीं, मौतें भी। देशद्रोह का केस तो नहीं हो जाएगा मुझ पर, ऐसा लिखने भर से? या कहने या आम आदमी को बताने भर से?    

शायद कोई गोली आती है कहीं से, खाने-पीने में? जिस किसी खाने-पीने में आती है, ज्यादातर केस में ना उस खाने पीने वाले को पता चलता है और ना ही जहाँ कहीं से वो खाना पीना आता है, वहाँ उन लोगों को। 

ऐसा कैसे?

यही तो आज का युद्ध है, दुनियाँ भर में। जो होता है, वो दिखता नहीं और जो दिखता है, वो होता नहीं।     

गोली अपना असर दिखाती है, और?

आप धरे जाते हैं। सब कर्मों के फल हैं? आपके कर्मों के? या? ऐसी-ऐसी सिंथेसिस या केस घड़ने वालों के कर्मों के?

बैक साइड में अचानक से तीखा दर्द होता है और चेस्ट का जैसे घेरा बनाता हुआ उस हिस्से को जैसे फ्रीज कर देता है। चलते हुए ना ढंग से पैर आगे बढ़ रहे और बैठने की कोशिश करो तो उसमें भी दिक्कत। जैसे तैसे पास के सोफे पर बैठ जाते हैं। दर्द कह रहा है, जैसे ज़िंदगी खत्म। पड़ोसी को बोलते हैं 3-4 बार, मगर शायद किसी को सुनता ही नहीं। फ़ोन भी उप्पर वाले कमरे में पड़ा है। बाहर भी कोई आता जाता नहीं दिख रहा। जैसे तैसे, रोते धोते ऊप्पर कमरे तक पहुँचते हैं और माँ को फोन करते हैं। 

गुड़िया को भेझना। 

सो रही है वो। (सुबह 7. 00 - 7. 30 की बात है शायद। )  

उठा दो, दिक़्क़त है मुझे, रुआँसी-सी आवाज़ में ही बोलते हैं। 

भेझती हूँ। 

थोड़ी ही देर बाद गुड़िया आती है। 

बुआ, बुआ क्या हुआ? आप रो क्यों रहे हैं। 

आँसू बह रहे हैं अपने आप, दर्द के मारे। गर्म पानी करके बोतल देना। अब कुछ भी हो, हॉस्पिटल तो ऑप्शन ही नहीं है। 

माँ भी आ जाती है और पानी गर्म करने लगती है। इतने में गुड़िया अपने घर से इलेक्ट्रिक हॉट बोतल लेकर आ जाती है। साथ में दो-एक और मैशाजर वैगरह। 

मम्मी को ऐसे ही हुआ था। जब उन्हें ज्यादा दर्द होता था तो वो तो इन्हें यूज़ करते थे। 

ना ढंग से चला जा रहा, ना बैठा और लेफ़्ट हाथ भी ढंग से नहीं उठ रहा। मन में डर भी लग रहा है, एमर्जेन्सी कॉल करले। लकवा ना हो जाय, हॉस्पिटल नहीं जाना, के चक्कर में। 

कमर पर गर्म बोतल लगाने के बाद थोड़ा आराम होता है और कंधे के करीब वाला हाथ का दर्द भी कम हो जाता है। 

था क्या ये ?

कौन सी गोली? कैसी गोली? कहाँ से और कैसे आई?  

उसके साथ कोई और गोली भी अपना असर दिखा रही है। कुछ-कुछ ऐसे ही, जैसे, उत्तराखंड में बारिश और भूस्खलन? ऐसा सा तो पहले भी कई बार हुआ है? ये एक ही गोली का असर है या mixture कोई?     

विस्तार से ऐसी-ऐसी Social Tales of Social Engineering कौन सुनाएगा आपको? या शायद दिखाएगा और समझाएगा? शायद कितने ही सीरियल्स या मूवीज में देखते, सुनते या समझते तो हैं। मगर, शायद ऐसे लाइव विवरण के साथ नहीं?        

पिछले साल शायद, कहीं अप्लाई करने की सोच रही थी। और कहीं जैसे धमकी जैसा-सा कुछ। "Beware, खास तरह के डायपर लगवाके, खास तरह के मंदिर के दर्शन करवाएँगे ये।" समझ ही ना पाओ, कहाँ सही की धमकी है और कहाँ आपको रोकने की कोशिशें? मगर सिर्फ डर से कब, कौन, कहाँ रुका है? हाँ। ऐसे माहौल में, शायद थोड़ा ज्यादा ऐतिहात रखने की जरुरत जरुर महसूस होने लगती है।  

Synthetic World of Warfare? 

थोड़ा नया विषय है मेरे लिए, खासकर Social Tales of Social Engineering की case studies के लिए। कोरोना के दौरान थोड़ा-बहुत पढ़ना समझना शुरु किया था। फॉरेंसिक साइंस, अहम भूमिका निभाता इसमें और अपने आपमें वाद विवाद का विषय भी हो सकता है। बाहर की यूनिवर्सिटीज की ऑनलाइन सैर के दौरान, ऐसे-ऐसे विषय भी मिल जाते हैं। कहाँ-कहाँ इंसानों पर कैसे-कैसे एक्सपेरिमेंट चल रहे हैं। और कहाँ-कहाँ से और कैसे उनकी इज्जाजत मिलती है? कोढ़ ही कोढ़ में कितना कुछ होता है ना?