9-7-2025 (12:15 PM)
औरतों का खास तरह का झलूस, या कोई खास प्रोग्राम या नया या पुराना रीती-रिवाज़? खाटू शयाम मंदिर से उलटी साइड कहीं जा रहे हैं?
और गाने
खाटू वाला सेठों का सेठ। ......
भगवान और सेठ? नहीं। सेठों का सेठ?
किसी लड़की को ससुराल के लिए छोड़ते हुए? कौन सी तारीख? किस लड़की को? ससुराल कहाँ है उसकी?
हे महारे दयानन्द पै दया करियो ........
काकी, ताई, दादियो या बहनों, ये क्या गा रहे थे आप? आपके दयानन्द ने ऐसे क्या जुर्म या काँड किए हुए हैं?
या ऐसा-सा ही कुछ?
सत्संग? (7 संग? या?)
AI के दौर में, संस्कारों के नाम पर ऐसी-तैसी?
माँ, बहन, बेटियों, चाची, ताईयों या दादियों की? किसी को नहीं बक्शते ये? या मिलने-जुलने, बोलने-बतियाने, बैठने और मेल-जोल के तरीके ? गरीबों को थोड़ा-बहुत, खाना-पीना या दान-पान के तरीके? या कल्ट पॉलिटिक्स में लिपटे जाले और किसी और ही तरह के ताने-बाने?
इन सबके फायदे हैं या फिर सिर्फ और सिर्फ नुकसान? या किसी को नुक्सान और किसी को फायदा? निर्भर करता है, रीती रिवाजों के नाम पर कहाँ क्या परोसा जा रहा है?
अपने आसपास कभी कुछ ऐसा देखा या सुना या समझा है, आपने? कभी सोचा है, की इस सबका मतलब हमारे अपने लिए या आसपास के लिए क्या है?
शायद हाँ और शायद ना?
जानने की कोशिश कीजिए, की रीती-रिवाजों के नाम पर किस-किस तरह का अमृत या जहर परोसा जा रहा है, आपके अपने यहाँ? या शायद आसपास? आसपास होगा तो भी, किसी न किसी तरह का असर तो आप पर भी जरुर होगा?
दूसरों पर किसी भी तरह की कमेन्ट्री करने से पहले, एक बार अपनी तरफ या अपने ही घर के सदस्यों की तरफ जरुर निगाह दौड़ा लें। कहीं वैसा कुछ, वहाँ तो नहीं हो रहा? या शायद ज्यादा फिट बैठ रहा हो? जैसे-जैसे आपको ये सब समझ आने लग जाएगा, आपकी उलटी-सीधी कमेन्ट्री या दूसरे के खिलाफ किसी भी तरह का भद्दा मजाक, अपने आप बँध हो जाएगा।
इसमें बहुत कुछ मुझे भी नहीं पता था। यहाँ वहाँ पढ़कर या देख सुनकर समझ आया है। Don't take anything personal or offensive. They themselves don't know where it fits better on them or in their own home.
किसी ने बड़े ही अजीबोगरीब ढंग से गीले हाथ झाड़े थे, बिलकुल पास आकर। और कहीं कमेंट्री थी, "कुत्ता कान झड़का रहा था, शायद कीड़े पड़ गए" । किसी को शायद मालूम नहीं, की जिसको वो सुनाना चाह रहा है, उसका अपना किसी पार्क या गार्डन का ऐसा कोई केस नहीं है। अब वो केस किसका है, ये तो ऐसी नौटँकी करने वाले को बेहतर पता होगा।
क्या था ये?
मतलब बहुत सी कमेन्ट्री या नौटंकियोँ में तो यही नहीं समझ आता, की ये किसके बारे में और क्या कहना चाह रहे हैं?
पीछे आसपास कई सत्संग सुने या थोड़े-बहुत देखे और समझने की कोशिश की, की ये चल क्या रहा है? करने या करवाने वालों को जो कुछ वो गा रहे हैं या बाँट रहे हैं, उनका मतलब मालूम है क्या? गुप्त राजनीतिक मतलब या चाल-ढाल? कहीं लिखा था शायद, "ले ली गैंग थिएटर"? सोचो, इस सबका नंग-धडंग गैंग या कहीं वृँदावन तक से क्या लेना देना?
आप सोचिए। आगे आते हैं, ऐसे से ही कुछ किस्से कहानियों पर।
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