जुआरियों के धंधे में
आप वहाँ बैठे हैं
जहाँ आपका अस्तित्त्व क्षण भर का रहा?
या सालों, दशकों पहले
आया गया हुआ?
आपकी जानकारी के बिना?
और कहीं-कहीं तो ऐसे कोढ़ो पर, जिन्हें आप नफरत करते हों?
जितना ज्यादा इस धंधे के कोढों को जानने की कोशिश करोगे, उतना ही इससे नफरत होती जाएगी। और मुझे लगा, ऐसा मैं ही सोच रही हूँ?
नहीं। जुए पर भी आपको काफी कुछ पढ़ने-सुनने को मिलेगा, यहाँ, वहाँ। कहीं जो शायद आँखें खोल रहा होगा और कहीं उसकी परतों के या बेहुदा सौदों की पोल खोल रहा होगा। और आप सोचने पर मजबूर होगे, की जो-जो इस धंधे में आए, वो कैसे आए होंगे? क्या उन्हें कहीं भी खबर नहीं हुई होगी, की ऐसा करना गलत है? खासकर, शिक्षा के ऊँचें पायदानों पर बैठे लोगों को? शिक्षा के ऊँचें पायदान? भला इतने नीच कैसे हो सकते हैं?
चलो, छुटभैईये तो अक्सर कम पढ़े-लिखे ही होते हैं। और ज्यादातर, सँसाधन-विहिन भी? बड़े लोग? कितने बड़े? कैसे अंदाजा लगाया जाए, उनके बड़पन का? शायद इससे, की ऐसी कुर्सियों पर बैठे लोग, कितना वो काम कर रहे हैं, जिसके लिए उन्हें वहाँ बिठाया गया है? और कितना, कोढ़ के जुए की किसी पार्टी का?
सँस्कार?
आदमियों को मारना सँस्कार में आता है, जुए के धंधे में? छुपे, गुप्त तरीके से गोलियाँ या जहर देना, वो भी सँस्कारी लोग ही करते होंगे? अब नामों का क्या है, वो तो किसी का भी लगाया जा सकता है? कौन, कहाँ, भला कौन से फॉरेंसिक करने आएगा? और किसी के जाने के बाद, उस इंसान के लिए किसी फॉरेंसिक का मतलब क्या रह जाएगा?
लड़कियों को प्रॉपर्टी बोलना, या लड़कियों के नाम पर बनाए गए कोढों के नाम पर उनका धँधा करना, सँस्कारी होने की पहचान है? ऐसे-ऐसे कितने सँस्कार, कहाँ-कहाँ और किन-किन बहन-बेटियों के नाम पे किए हुए हैं तुमने? कल भी किए और आज भी कर रहे हो। सच में, कितने सँस्कारी हो तुम? फिर ऐसा कुछ इतना खुलम-खुल्ला लिखने या बोलने वाला का तो हाल क्या करोगे? सोचा जा सकता है?
अंजान, कम पढ़े-लिखे और गरीबों को तो कितनी ही आसानी से कहीं से कहीं धकेला जा सकता है। तुम तो पढ़े- लिखों तक को नहीं बक्शते? कुछ गलत कहा क्या?
जिन लड़कियों के नाम पर तुम कोढ़म-कोढ़ ज़मीनो के सौदे करते हो, बड़ी ही बेशर्मी से, अपने धेले के सँस्कारों के साथ, क्या उन लड़कियों से पूछते हो? उनकी औकात होती है कोई, तुम्हारे इस जमीनखोरी के जुआर धँधे में?
या वो किन्हीं और ही सँस्कारों के बहाने मार दी जाती हैं? ऐसे भी और वैसे भी?
No comments:
Post a Comment