कहाँ बात करने चले थे, अच्छी शिक्षा की सबको उपलब्धता की, वो भी मुफ़्त में? और कहाँ ये धन्ना सेठों पर पहुँच गए? अगर किसी भी राज्य या देश की सरकारी शिक्षा के बदहाल हैं तो मान के चलो वहाँ की सरकार और चंद धन्ना सेठ या प्राइवेट कम्पनियाँ उसके लिए जिम्मेदार हैं। जब तक उनके खिलाफ कुछ नहीं होगा, तब तक वो हाल ऐसे ही रहने हैं। जहाँ कहीं जितना ज्यादा सरकारी और प्राइवेट शिक्षा में फर्क होगा, उतना ही वहाँ के लोगों के बीच असमानता होगी। इसीका फायदा उठाकर, ये धन्ना सेठ या प्राइवेट संस्थान, आम लोगों का शोषण करेंगे। जितना ज्यादा असमानता होगी, उतना ही ज्यादा शोषण। ऐसे में ये लोगों को दिमाग से भी पागल बना देंगे, ऐसे जैसे, इन्हीं के पास दिमाग है। और बाकी सब पागल हैं।
एक छोटा सा उदहारण देती हूँ (ये उदाहरण सर्विलैंस एब्यूज का भी है)
मान लो आपने अपने किसी बेरोजगार भाईबंध को बोला, तेरी पेन्टिंग अच्छी है। उसमें आज के वक़्त में स्कोप भी काफी है। उसीसे सम्बंधित कुछ क्यों नहीं करता। फिर उन दिनों ये स्कूल का प्लान भी चल रहा था। तो मैंने सोचा, चल इसे कुछ करने को दे दे। और मैंने बोला, अच्छा तू मेरे लिए ही कुछ बना दे। सामान सारा मेरा होगा और तुझे इस बहाने कुछ सीखने और कमाने को भी मिलेगा। कुछ-कुछ wall painting या mural के जैसा। हफ़्ते भर के अंदर ही पता चला, वो, नहीं वैसा कुछ सा, कहीं और चल रहा है। उन दिनों मैं उधर गाडी से अपने खेत के चक्कर लगाने जाती थी। सोचो कहाँ?
आप लाइब्रेरी की बोलो और लो जी, ये तो कहीं और भी हो रहा है? जाने क्यों, यहीं कहीं दिखा। आप स्कूल बनाने की सोचो और लो जी, इंसान ही दुनियाँ से गुल?
कोई फिर भी उस पर काम करना चाहे तो? उस जमीन का एक हिस्सा ही गुल? इस गुल पे तो आना पड़ेगा।
ये कैसा "कार-ओ-बार" है?
अब जो जमीन गुल करवाने में बिचौलिया रहा, उसे सुना नौकरी मिल गई, पुलिस की। सुना है इसमें भी बड़े हेरफेर हैं? अपना ही छोटा भाई है। पुलिस और चोर? चोर और पुलिस? या पुलिस ही 420? जो अपने ही बहन भाइयों को ना बख्शें, वो? तो भाई, इन स्कूल आलें कै एक ए जगह वो ढाई किल्ले कठ्ठे होए या ईब भी कमी रह री सै? अब कोई स्कूल अगर एक आध किल्ले में शुरु होगा, तो अपने बढ़ने के साथ-साथ, वो अपने आसपास को तो खाएगा? या बख्सेगा? वैसे जब शुरू हुआ, तो इस स्कूल के पास अपनी खुद की ज़मीन कितनी थी? कौन कौन से साल में इन्होने किस किस की ज़मीन खरीदी या हड़पने की कोशिश की?
और आज?
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