सुना, कुछ लोग, कुछ पोस्ट से बुरा महसुश कर रहे हैं?
क्यों?
किसी ने आपपे जैसे देशद्रोही सी मोहर लगा दी? पाकिस्तानी कह रहे हैं? चीनी? नेपाली? या किसी भी तरह का अंग्रेज? या अफ्रीकन? जबकि, आप तो ऐसा कहने वालों से कहीं ज्यादा पक्के भारतीय हैं? तो बुरा तो लगना ही है? कौन हैं ये लोग, जो ऐसी कोई मोहर ठोक रहे हैं आपपे?
आपका जन्म भारत का है?
आपके माँ, बाप, दादा, नाना सब भारत में ही पैदा हुए?
आपकी पढ़ाई और परवरिश भी भारत में ही हुई या हो रही है?
आपके सब पहचान पत्र भी भारत के ही हैं?
फिर आपको ऐसा कहने वाले या ऐसी मोहर ठोकने की कोशिश करने वाले लोग कौन हैं? और वो ऐसा, क्यों और कैसे कर पा रहे हैं?
ये चालाक, ध्रुत और शातिर लोग हैं।
इनको कहानियाँ घड़नी आती हैं।
सिर्फ कहानियाँ? अरे नहीं, वो तो कितने ही घड़ लेते हैं।
इनको ज़िंदगियाँ तोड़नी और मरोड़नी आती हैं।
ये काफी पढ़े-लिखे और दुनियादारी से कढ़े लोग हैं।
अरे ! अरे ! आप वाली दुनियाँदारी नहीं। इन्होने सच की दुनियाँ देखी हुई है या शायद दुनियाँ भर में घुमते हैं या दुनियाँ जहाँ का ज्ञान है।
ये किसी क्षेत्र या भाषा में नहीं बंधे हुए। मगर, आप जैसों को बाँधने के औजार (टूल्स) रखते हैं।
ये आपसे ज्यादा, आप पर और आपके बच्चों पर वक़्त लगाते हैं। ये बहुत अहम है।
इन्हें इंसानों को ही नहीं, दूसरे जीव-जंतुओं और निर्जीवों तक को अपने अनुसार घड़ना (चलाना) आता है।
ये आपकी अपनी राजनीतिक पार्टियाँ और ज्यादातर अन्तर्देशीय कम्पनियाँ और उनके पढ़े-लिखे और कढ़े लोग हैं।
ये समाज को अपने अनुसार घड़ने का काम करते हैं।
तभी इन्हें पैसा और कुर्सियाँ मिलती हैं।
ये रोज-रोज के छोटे-मोटे जीने के संसाधनों को इक्कठ्ठा करने के चक्कर में नहीं। बल्की, वर्चस्व की लड़ाई लड़ते हैं। जिनसे इन्हें और ज्यादा पैसा और ताकत मिलती है।
कैसे?
नैरेटिव सेट करके। आपके आसपास का माहौल घड़ कर। Media Culture Lab
आपमें भी है क्या ऐसी ताकत? या आप इन्हीं लोगों की एक छोटी-सी कड़ी का काम करते हैं? अपने रोज-रोज के छोटे-मोटे जीने के संसाधनों को इक्कठ्ठा करने के चक्कर में? जानते हैं आगे, की आप क्या कर रहे हैं और ये क्या?
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