Conflict of Interests और घपले ही घपले?
महारे बावली बूचां के अड्डे, अर घणे स्याणे? कई दिन हो गए ना कुछ लिखे इस पर? काफी सारा, इधर-उधर का इकट्ठा हो रखा है।
एक स्कूल प्रधान इधर-उधर ज़मीनों पे निगाह गड़ाए, कैसे आपणे चाचा कै लड़के, छोटे भाई को भड़काता है, उसी के दूसरे भाई के खिलाफ?
इधर-उधर सुना कहीं?
बला वो कालिया-टकला नूं बोला, तू भाई की ज़मीन खागा. तू भी के बोलअ सै।
हैं? इस स्कूल प्रधान कै कितनी ज़मीन है? कहाँ से आई? किस किसकी हडपाई? खरीदी? या? और जिसनै कहवै सै उह कै? मैं अपना भेझा खुजाते हुए।
हैं के? श्याणे अ इतने सैं।
अच्छा? तभी? महारे बावली बूचां के अड्डे, घणे स्याना के जाल्यां मैं फँसैं सैं? लागय सै, उ दादी कै समझ मैं ना आई, अक कौन सब का खागा? ये शिक्षा के नाम पै आपणे ए भाइयाँ की ज़मीन खाण आले? या जैसे-तैसे अपना गुजारा करने वाले?
छोरे दे दे न, यो बची-खुची भी आपणे उह मेहनती भाई न दे दे, ताकि ये अंदर और बाहर दोनों तरह से कालों के मिलावटी सौदे, उह नै भी खाजां। इसे-इसे बेचारां नै या घणे श्याणा नै, छोरी, भाहण, बुआ, बेबे, माँ, बेटी जिसा तै किमैं दिखता ए ना लाग्या सै? मरगे सब उनके या ये उन नै भी मारण के चक्कर मैं सैं? किसी शराब पीने वाले की कमी को पकड़ो, और जब तक काम ना हो किडनैप रखो, फुल सप्लाई के साथ? घर बिलकुल मत आने दो उसे? तब तक ना ही घर वालों से बात तक करने दो? दो बोतल दो और ज़मीन ले लो? जब वो इसां-इसां के चककरां मैं फंस कै मरण नै हो, तब तो ठाण नै बाहण? बाकी बुरे वक़्त मैं सँभालन नै भी ये ए माँ-बेटी? अर उसका माल खाण नै? शिक्षा के नाम पर ज़मीनों को हड़पने वाले झकोई? जिननै, बेरा ना कितने इसां-इसां की ज़िंदगी बर्बाद कर दी या खा ली?
कालिखो, उन माँ बाहन या भाई नै मना करा था अक नहीं, अक म्हारे इतनी है ए कोनी, अक बेचां? फेर यो सिर्फ बोतल आले तै sign करवा कै, क्यूकर, थारी हो जागी वा ज़मीन? अरे नहीं, वहाँ तक तो शायद तुम आए ही नहीं।?बड़े लोग थोड़े ही छोटे लोगों के यहाँ आते हैं? बहन, आई होगी तुम्हारे यहाँ? साहब के पास तो वक़्त नहीं मिलने का? साहब फ़ोन तक नहीं उठाते?
धोखाधड़ी करने वाले की माता (कांता) तो बेचारी इतनी भोली सै, अक मेरी बेचारी भोली-भाली भाभी नै, आज तहि ना बेरा उसका लाडला लक्ष्य दांगी कौन से मैच खेलअ सै? कित आवै-जावै सै? अर के करै सै? वैसे भी थाम झकोईयां नै एजुकेशनल सोसाइटी खोल राखी सै या भाईयों की ज़मीन हड़पो जुगाड़ संस्थान सै यो? किसी भाई-बाहन कै मना करते-करते हड़प जाओगे? कोर्ट सिर्फ ये देखेंगे की वो ज़मीन किसके नाम सै? इस्ते आगे तो, आँख कान सब बंध सैं उनके? ओह हो ! और वो ज़मीन आगे वाली है, या पीछे वाली? या ये भी चालबाजियाँ बताती हैं?
बला जी, रोड़ पै सबतै छोटे की? चाचा आले की? उस्तै आगै उसतै बड़े की? अर उसतै आगे? उसतै बड़े की? बला ना जी। शिक्षा के ज़मीनी धंधे वालों को नूं भी सूत ना आंती। जुकर उनकै सूत आवैगी, वा न्यूं अ हो जागी? बता, जिन नै घपलम घपलाई खेलनी हो, वें इतणा सा भी घपला ना कर सकते? जित चाहवैं उड़ै रेत गरा दें, इसे-इसे गिरे हुए? अर कह दें या महारी? चोरी करती हाण, इसी-इसी, छोटी-मोटी गड़बड़ तै होती रहा करैं? ईब पढ़ाई लिखाई तै इहका के लेना देना? क्रिकेट मैच आला बालक बताया यो? फेर खेलणीय नै इहते के लेणा-देणा, अक प्रश्न के सै, अर तू नक़ल क्यां की चेपण लाग रा सै बेटे?
बाहन घरां बैठी हो, अर रहन न ढंग की जगाह ना हो। जित हो उह नै थाम हड़प लो? ओह हो। वो भाभी भी यूँ ही खिसकाई? किसने और कैसे और सबसे बड़ी बात क्यों? बहुत अहम है। नाम फिर किसी के लगा दो, क्या फर्क पड़ता है? कहाँ, कैसे और क्यों ऑक्सीजन ख़त्म होती हैं?
Conflict of Interest की राजनीती? उप्पर से अगर किसी गरीब के नाम 10 पैसे चलते हैं, तो उस गरीब तक आते-आते, सुना है की उसके नाम पैसे नहीं, कर्ज का फरहा पहुँचता है? कैसे? जानते हैं आगे पोस्ट में।
आम भाषा में क्या कहते हैं इसे? धोखाधड़ी? नहीं आदमखोर धंधा, प्राइवेट शिक्षा के नाम पर?
राम नाम कहाँ सत्य है? नहीं है? अर्थी पे जानी है क्या वो ज़मीन तुम्हारी?
और भाई दानी? जा दान करया गऊ साला मैं? भइय्याँ के लाखां, करोड़ां खा कै, दो-पिसा का दान करकै, फोटो खिंचवाना कती मत भूलईये? अर, भीतर-भाहर तै काले-टकले, उह नै फेसबुक पै सजाइए फेर? साँड़ कितै के?
थोड़ा ज्यादा हो गया? सुना आड़े के अंडी नुअं बोला कैरें? यो तो थोड़ा कम करकै बताई सै? ईसाए है अक भाइयो और बहनो? इब थारअ धोरै रहकै भी, थारी भाषा मैं बात ना करी, तै कह दोगे रिफ़ल री सै? जणू इह नै तै हरीयान्वी कती अ ना आंती? ईब तो बेरा पाटगा होगा, अक थारा ए खून सूं? फेर आपणी अ बोली ना आवै, वो भी घरां बैठकै, क्यूकर हो सकै सै भाई?
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