About Me

Media and education technology by profession. Writing is drug. Minute observer, believe in instinct, curious, science communicator, agnostic, lil-bit adventurous, lil-bit rebel, nature lover, sometimes feel like to read and travel. Love my people and my pets and love to be surrounded by them.

Thursday, October 3, 2024

संसाधनों का प्रयोग या दुरुपयोग (Use and Abuse) 57

ओए कालू, कालू ओए?

ओए धोलू, धोलू ओए?

ओए रंग-बिरँगे, ओए रँग-बिरँगे ओए?

ओए बदरंग, ओए बदरँग ओए?


क्या है ये?

Architecture या Design?

रामा या श्यामा? R  ama या S  hyama? 

आज़ाद या गुलाम? A  azad या G  ulam?

और भी कितना-कुछ हो सकता है, इन सबके बीच? आप सोचो। धीरे-धीरे आएँगे इस सब पर भी आगे पोस्ट में। 

हिंट के लिए 

सोचो अगर काली झाड़ू, सफ़ेद हो जाए?


या?
सविंधान की कॉपी या कवर कोई रंग बदल जाए?
तो?
सूरज हुआ मध्यम, चाँद जलने लगा?
या 
ज़रा तस्वीर से निकल के तू सामने आ?
या 
ज़िंदगी आ रहा हूँ मैं? 


या शायद अगर राजनीती और हरियाणा के इलेक्शन या शायद कहीं के भी इलेक्शन की बात हो तो?

जहाँ तेरी ये नज़र है, जैसे-जैसे और कैसे-कैसे दाँव-पेंच चलाने लगी हुई हैं, सब पार्टियाँ? महज़ कुछ-एक कुर्सियों के चक्करों में?


और भी कितने ही गाने हो सकते हैं?

या शायद कुछ खास-म-खास प्रोग्राम्स?  

यही सब राजनीती है? या इससे आगे भी कुछ?  

No comments: