"ये तुम्हें क्या देंगे? ये तो खुद ही भिखारी हैं।"
ये राजनीती और ज्यादातर नेताओं पर फिट होता है। वो आपसे भीख माँगते हैं, कुर्सियों के लिए, आपके वोट के रुप में। और उसके बाद? आपको भिखारी बना देते हैं, अगले पाँच साल? या जब तक भी वो कुर्सी स्थिर रहे?
आज के युग में इलेक्शंस क्या हैं? या शायद कहना चाहिए की सिस्टम क्या है?
बल?
Mechanical Vs Mental?
मैकेनिकल Vs टैक्टिकल? Tactics आपसे कोई खास काम करवाने के लिए? तो सूक्ष्म स्तर पर आपको कंट्रोल करने के लिए क्या चाहिए?
अगर आपको दूरदर्शन का Interruption के लिए खेद है, याद है, तो बस इतना-सा ही चाहिए। आपको interrupt करना है। जो प्रोग्राम चल रहा है, वो गुल जाएगा। आप अचानक से कहीं और डाइवर्ट हो जाओगे। अब इस diversion में आपको वापस, उसी प्रोग्राम पर भी लाया जा सकता है। और आपको वहाँ से उठाकर, किसी और काम पर भी लगाया जा सकता है। ये "दूर - दर्शन", रिमोट कंट्रोल से दुनियाँ के किसी भी कोने में बैठकर किया जा सकता है। ये कोई जादू नहीं है। ये विज्ञान है, टेक्नोलॉजी है, और बहुत ही ज्यादा मिक्स्ड खिचड़ी है। मतलब, Highly interdisciplinery. ऑपरेशन जैसे, कंप्यूटर और इंटरनेट की मदद से, दुनियाँ के एक कोने से दुनियाँ के दूसरे कोने में।
ये कोई भी आदत बनाने या छुड़वाने के लिए भी कारगार हो सकता है। जैसे सोने या उठने की आदत, कोई भी नशा या सिस्टम का पूरा का पूरा ढाँचा ही। अब आप क्यूँकि खुद एक स्मार्ट मशीन हैं तो आपका ढाँचा और ज़िंदगी भी ऐसे ही बदली जा सकती है। बुरे के लिए भी और भले के लिए भी। सोचो, दुनियाँ में इतना कुछ हो रहा है और उसके बावजूद, दुनियाँ का कितना बड़ा हिस्सा कैसे-कैसे हालातों या माहौल में रहता है? हमारी राजनीती को लड्डू और जलेबी से फुर्सत मिले तब ना?
A micromanaged algorhythmic world, system? Err Algorithmic?
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