Civil?
Defence?
War/s?
Lord/s?
Machine and Human Being
How much same, yet different?
Laptops, PCs, Phones and Humans? And so many other machines?
बावलीबूच, यो टीन्स (teens) पटी ड्रामा क्यों चला रखा है? और ड्रामा 04-10 2024 को थोड़ा और आगे बढ़ा। पता नहीं, ये टीन्स-पटी का सारा का सारा हिसाब-किताब था या अब स्क्रीन-पटी हो गया? मल्टीमीडिया, मगर भद्दे वाला? धोलू और नीलू की बाज़ी बताई? धोला बोले तो, राम? और नीला बोले तो, श्याम? या शिव-शंकर? या इसका उल्टा-पुल्टा है?
भगवाना की भी आपस मैं बाज़ा करे? ये कैसे भगवान?
जब से ये साँग देखने शुरू किए, तब से इंसान भगवानों से बेहतर हो गए। अब अगर भाई-बंध कहें, की तू ते भगवान न भी ना मानती। कितके भगवान? नीरे मिलावटी सौदे हैं। बेरा ना किसे-किसे कबाड़े, प्रैक्टिकल्स के नाम पे करने लगे हुए हैं। पापी कहीं के।
सुना है, भगवान नाचया भी करेँ? और रास-लीला भी रचा करेँ? अब किसी का शौक नाच-गाना हो तो, कुछ ऐसा-सा कटाक्ष भी आ सकता है, जैसे, नाच ना जाने, आँगन टेढ़ा? हमारे यहाँ कितनी ही तरह के तो भगवान होते हैं। बच्चों के, बच्चोँ जैसे-से। बड़ों के, बड़ों जैसे-से। और बुजर्गों के, बुजर्गों जैसे-से। उनमें भी उतने ही आकार-प्रकार हैं, जितने आकार-प्रकार इंसानों के।
भगवानों पे गाने भी वक़्त की नज़ाक़त के हिसाब-किताब से होते हैं शायद? याद करो कोई भी गाना या भझन, किसी भी भगवान या भगवानी, देव या देवी के नाम पर। और कौन-सा और कैसा गाना याद आता है?
बच्चों का होगा तो शायद भम्म-भम्म भोले, तारे जमीन पर से? बड़ों का होगा तो? पुराना राजेश खन्ना वाला? या भाँग रगड़ क पिया करूं, मैं कुंडी-सोटे आला सूं? वैसे, नए दौर का एक गाना भी है, जय-जय शिव-शंकर, मूढ़ है भयंकर? या ऐसे-से ही कृष्ण पर भी मिल जाएँगे शायद? जैसे वो तो किशना है? ऐसे से ही मिलेँगे, कृष्ण के नाम पर सब गाने? राम, सीता, संतोषी, दुर्गा जैसे भगवानों या देवियों पर तो शायद भझन ही मिल सकते हैं?
तो आपको क्या पसंद है? पुराना या नया? गाने या भझन? आज की राजनीती में भझन कहाँ मिलेंगे? सट्टे, अर् र सत्ते के यहाँ? वो क्या बोलते हैं उसे बुजुर्ग लोग? सत्संग? चलो सत्संग पे फिर कभी बात करेँगे। वैसे तो ये सब राजनीती की ही माया है? और इंसान की? मोह-माया या लालच या जरुरत भी शायद? निर्भर करता है।
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