Architecture and Design
आप क्या समझते हैं इन दो शब्दों से?
वास्तु और घर का डिज़ाइन या कहीं का भी डिज़ाइन जैसे? कितना कुछ गूँथ दिया गया है इस सबमें? कुछ-कुछ ऐसे ही जैसे, रीति-रिवाज़, श्रद्धा, और धर्म-कर्म एक तरफ। तो दूसरी तरफ? उन्हीं सब में गूँथा हुआ, ज्ञान-विज्ञान, टेक्नोलॉजी, राजनीती और सिस्टम। हमारा और आप-सबका, भूत, भविष्य और आज भी?
सोचो, आप जो तुलसी घर में लगाते हैं, कभी सोचा की वो किस प्रजाती की है? अब इतना वक़्त भला किसके पास? यही ना? उसका तुलसी के इलावा भी कोई नाम है क्या? आपके घर में पहले कौन-सी थी? और न जाने कब और कहाँ से कौन-सी आ गई? और वो भी आपकी जानकारी के बिना? मगर जिन्होंने उसे आपके घर तक पहुँचाया है, उनके नाम पता हैं क्या? अरे अब माली या किसी लाने वाले के सर मत होना। उन्हें शायद से खुद कुछ नहीं पता होगा। या शायद, किसी ने चोरी-छिपे वो बीज वहाँ डाल दिए, जहाँ आपकी पहले वाली तुलसी थी। और इसके उगने के बाद उसे चलता कर दिया या शायद आपसे ही करवा दिया हो? कुछ भी कहकर? भला इसका Architecture and Design से क्या लेना-देना? अगर कोड की भाषा में बात करें, तो A rchitecture and D esign भी एक नहीं है। इसके भी कितने ही मतलब हो सकते हैं, अलग-अलग पार्टियों के हिसाब से।
कुछ-कुछ ऐसे, जैसे
A for?
D for?
या AR for?
De for?
अब तुलसी भी राम या श्याम हों तो? वैसे रहीम क्यों नहीं?
राम-श्याम का झगड़े से सम्बन्ध?
तो राम-रहीम का शांती से?
अरे नहीं, ये भी निर्भर करता है, किसके राम-श्याम और किसके राम-रहीम? अब किसी का राम-रहीम तो वो भी है, जो इलेक्शंस से खास पहले पैरोल पे बाहर आता है, जेल से?
तो क्या फर्क पड़ जाएगा, की आपके घर कब कौन-सी तुलसी आई और कब कौन-सी तुलसी गई? या दोनों ही घर में हैं या किसी वक़्त रही? तुलसी तो तुलसी है? क्या काली और क्या धोली (सफेद)? ये हर पेड़-पौधे और जीव-जंतु पर लागू होता है।
ठीक ऐसे ही, जैसे
क्या फर्क पड़ता है हिलेरी क्लिंटन राट्रपति हो या बराक ओबामा? या पड़ता है शायद? वैसे ये हिलेरी क्लिंटन ईमेल घपला क्या था? क्या वो भी कोई वजह बनी हिलेरी क्लिंटन के हारने की? या वही अहम वजह थी? पता नहीं ये तो राजनीती के जानकार ज्यादा बता सकते हैं।
मगर बहुत ही छोटी-छोटी सी चीज़ें हैं, जिन्हें कितना भी बढ़ाया-चढ़ाया भी जा सकता है और बिल्कुल ही नगण्य मान, ख़ारिज भी किया जा सकता है। ऐसे ही कितने ही उदहारण, आगे पोस्ट्स में आपके अपने आसपास से भी हो सकते हैं। ऐसे ही जैसे, घरों के छोटे-मोटे designs से लेकर, आपके घर के बर्तन-भांडे तक, आपके बोलने-चलने के लहजे से लेकर, आपके खाने-पीने तक, आपके कपड़ों के रंग, आकार-प्रकार से लेकर आपके हुलिए तक।
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