आप बीमार हैं और किसी ऐसी बीमारी से ग्रस्त हैं, जहाँ से वापस आना मुश्किल है। डॉक्टर के अनुसार लगभग असंभव। मान लो आपको कैंसर है और डॉक्टर ने कह दिया सिर्फ 2-महीने और जियेंगे? कैंसर भी 6-महीने पहले ही डिटेक्ट हुआ है। मगर 4th स्टेज पे बताया।
या मान लो आप कोमा में चले गए, किसी एक्सीडेंट के बाद या किसी बीमारी की वजह से। साँस चलती रहेगी। हो सकता है, थोड़ा-बहुत लोगों को पहचान भी पा रहे हों। मगर, जवाब नहीं दे पा रहे। केयर करते रहो और उम्मीद रखो की एक दिन आपका इंसान सही हो जाएगा। काफी वक़्त हो गया केयर करते और उम्मीद छोड़ रहे हैं या बहुत परेशान हो चुके। एक कोमा वाले इंसान की वजह से, कई ज़िंदगी जैसे रुकी पड़ी हैं या बहुत ही धीरे-धीरे जैसे खिसक रही हैं। तो क्या करेंगे?
मार दो उस इंसान को? यही ऊप्पर कैंसर वाले इंसान के साथ भी है।
मगर ठहरो। उस केस को तो डिटेक्ट ही हुए सारे 6-महीने हुए ना? अपने किसी इंसान को 6-महीने भी ढंग से नहीं भुगत सकते? उसी में हाथ उठा लिए? कोमा में 6-साल हों तो? अरे, किसी अपने इंसान के लिए इतना-सा नहीं कर सकते? या निर्भर करता है, परिस्थितियों पे? कितने इंसान हैं? उनमें से कितने करने वाले हैं? और कितने या कौन भुगतने वाले या वाला या वाली? उनकी अपनी आर्थिक स्थिति क्या है? और खुद उन्हें इधर-उधर का सहारा कितना? और भी कितने ही किस्म के "निर्भर करता है", हो सकते हैं।
मगर, क्या आपको किसी की ज़िंदगी लेने का अधिकार है?
वैसे तो हमारे जैसे देश में ज़िंदगी की कोई खास वैल्यू नहीं है। उसपे अगर आप समाज के ऐसे तबके से आते हैं, जहाँ आर्थिक स्थिति तक सही ना हो, तो आपकी वैल्यू कीड़े-मकोड़ों से ज्यादा नहीं है। पता नहीं कहाँ और कैसे मरते ही रहते हैं। तो ऐसे में क्या तो सोचना और क्या ना सोचना?
चलो सोच लिया, उस इंसान को खिसकाना है? तो कितनी तरह के तरीके हैं, खिसकाने के? हलाल? या झटका? एक ही बार में ख़त्म करना है? या धीरे-धीरे खिसकाना है? इनके बीच के भी शायद बहुत से रस्ते हो सकते हैं।
सुना है, मेडिकल के हिसाब-किताब से --
एक बार में ख़त्म करने के लिए इंजैक्शन सही रहता है। इंजैक्शन के नाम अलग-अलग हो सकते हैं, मगर ऑक्सीजन सप्लाई ख़त्म कर जाती है। और इंसान खत्म समझो। कुछ-कुछ ऐसे ही तब भी होता है, जब लोग फाँसी खाते हैं। या हार्ट अटैक में जैसे।
फिर थोड़े परेशान होने वाले तरीके। जहर खाना जैसे। दवाईयों के द्वारा या खाने-पीने के किसी भी बहाने।
ज़िंदगी का सपोर्ट-सिस्टम हटा देना। जो किसी भी वजह से इंजैक्शन ना दे पाएँ, उनके लिए ये तरीका सही बताया। इसमें दवाईयाँ या ईलाज ही नहीं बंद कर दिया जाता, बल्की, खाना तक बंद करवा देते हैं। और शरीर में बची-खुची ताकत के अनुसार, इंसान कुछ ही दिन में मौत के हवाले होता है।
क्या हो, अगर आपके यहाँ इस सबकी अनुमति ना हो तो? तरीके या जुगाड़ निकाल लिए जाते हैं?
इन सब कंडीशन को आप अपने आसपास कहाँ-कहाँ देखते हैं? कहीं देखा या सुना है? जरुरी भी नहीं की वो सब ऐसे ही हुआ हो, जैसे यहाँ लिखा या बताया गया है। हो सकता है, ऐसे ही कोई सामाजिक सामान्तर घड़ाईयाँ घड़ दी गई हों -- राजनीती द्वारा?
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