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Tuesday, August 20, 2024

संसाधनों का प्रयोग या दुरुपयोग (Use and Abuse) 9

 Goli? या गोली? मगर कौन-से वाली? और कैसे, कहाँ से?  

"Your phone has been recharged." direct-indirect hints somewhere 

and some relation with any kinda "extreme form of heat"? 

 

लोगों को कैसी-कैसी गोलियाँ दे रहा है, हमारा ये राजनीतिक सिस्टम? और कैसे-कैसे?  

Steroid 6g और कोई ऑफिस टी?

या धतूरा और  some form of food or water adulterants? Vomitting, headache, swelling etc.? 

मतलब किसी खास गोली की जरुरत भी कहाँ? कितनी ही तरह के जहर तो हमारे आसपास के पेड़-पौधों या सड़े-गले, खाने-पीने में ही मिल जाएँगे। या ऐसी किसी जानी-अंजानी जगहों से लेने पर, जहाँ सफाई का ध्यान कम रखा जाता हो। अपने आप उगे हुए या आपने ही लगाए हुए पेड़-पौधे, जानकारी के अभाव में? या प्रयोग करने वाले पानी के स्रोत के पास किसी भी तरह की सीपेज, जहाँ ऐसे कुछ केमिकल्स या तत्व हों। जिनका प्रभाव जरुरी नहीं, उसी वक़्त नज़र आए। 

Seepage (सीपेज), रिस-रिस के मिट्टी के कणों से होते हुए पानी का आसपास फैलना। जैसे बारिश के दौरान, नहर या रजभाए के आसपास के नलों से मिट्टी वाला पानी आना।  

कुछ बिमारियाँ लम्बे समय तक ऐसा कुछ लेते रहने के कारण हो सकती हैं। लैट्रिन वैल या गंदे नाले का जमीन से पानी लेने वाले स्त्रोत के आसपास होना। या ऐसे किसी गढे का आसपास होना, जिसमें ऐसे कुछ केमिकल्स या पैकेट्स पड़े रहते हों। जरुरी है, घर में प्रयोग करने वाले पानी को ऐसी जगहों से ना लें। या उन्हें साफ़ करने के बाद ही प्रयोग करें। गाँवों में या शहरों की बाहरी कॉलोनियों में बिमारियों का ज्यादा होना, साफ़-सफाई का अभाव, यहाँ वहाँ टूटे-फूटे पानी के पाइप या सही तरीके से गंदे पानी या कूड़े का समाधान ना होना भी है।     

पिछले कुछ सालों में आपने छोटी-मोटी कोई मेडिसिन भी बदली हैं? छोटी-मोटी पेन किलर्स या headache, fever जैसी-सी ही सही? क्यों? क्या वजह रही? दवाईयोँ के रंग-रुप, नाम या कंपनी का नाम, और उसपे लिखी छोटी-मोटी डिटेल्स पढ़ो। कहाँ से लेते हो? पहले वहीँ से क्या लेते थे, या मिलती थी? अब वो नहीं मिलती? उसकी जगह कुछ और मिलती है? ये सब किसी सिस्टम चेंज या पॉलिसी चेंज की तरफ इसारा भर भी हो सकते हैं और कहीं-कहीं जबरदस्ती धकाया हुआ भी हो सकता है। बाज़ार के इर्द-गिर्द बहुत कुछ घूमता है। या यूँ कहो, की बहुत बड़ा खेल ही पैसे का है। लोगों को बिमार करो और पैसे बनाओ?    

बाकी खाने-पीने में adulterants का होना उतना ही आम है शायद, जितना ज्यादा बिमारियों का होना। वो सब साफ़-सफाई की कमी की वजह से भी हो सकता है। या direct या indirect धकाया हुआ भी। मतलब, आप जहाँ-कहीं से खाना-पीना ले रहे हों, जरुरी नहीं उन्होंने किया हुआ हो। हो सकता है, उन्हें ऐसा कुछ पता तक ना हो। उनके खुद के वातावरण में, या खाने-पीने में शायद, बिना उनकी जानकारी के धकाया हुआ हो। क्यूँकि, ज्यादातर लोग विश्वास के लायक होते हैं। बहुत ही कम होते हैं, जो ऐसा करते हैं। अगर आपके साथ या आसपास ऐसा कुछ हो तो जरुरी है, छोटी-छोटी चीजों या बातों पे ध्यान देना। या अगर हो सके तो अपना खाना-पीना ज्यादातर, अपने घर ही उगाना। गाँवों में तो बहुत आसानी से सम्भव है ये। इतनी जगहें खाली पड़ी होती हैं और लोगों के पास वक़्त भी। उसपे पोषक तत्वों की कमी से होने वाली बिमारियों का समाधान भी होगा। क्यूँकि, ऐसी जगहों पे ऐसी बिमारियाँ भी ज्यादा मिलती हैं।  

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