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Media and education technology by profession. Writing is drug. Minute observer, believe in instinct, curious, science communicator, agnostic, lil-bit adventurous, lil-bit rebel, nature lover, sometimes feel like to read and travel. Love my people and my pets and love to be surrounded by them.

Thursday, November 21, 2024

संसाधनों का प्रयोग या दुरुपयोग (Use and Abuse) 93

Done

Testing starts now

ये हो क्या रहा है?

Elections 

अब कौन-से elections?

USA 

अमेरिका के इलेक्शंस और टैस्टिंग इंडिया में? संभव है?

हो नहीं रहा? 

What non-sense psychopaths! मुझे पहले भी एक-दो बार लगा, मगर लगा coincidence है। या तुझे फालतू में उकसाने के लिए है। ऐसे कैसे?

Still don't you know physio, psycho control and manipulations? 

F***istan @*_:",{  :(

क्या था ये?    

मान लो, आप रोबॉट्स की दुनियाँ में पँहुच चुके हैं। भारत में कहाँ, क्या और कैसे होगा या करना है, ये दुनियाँ के दूसरे कोने में बैठे बड़े-बड़े बिजनेसमैन, कंपनियाँ, डिफेंस और राजनीती मिलकर करती है। आप इस दुनियाँ में महज़ एक गोटी हैं। आपको नहीं मालूम, आपकी बॉडी में जो हो रहा है, वो नार्मल है या सिंथेटिक। ऐसे से कुछ-एक मैजिकल फूड, आप तक पहुँचे और तमाशा लाइव दुनियाँ के किसी भी हिस्से तक पहुँचा। 

जो कोई खाना आप लेते हैं, उसके ऊप्पर जो कुछ भी लिखा है, उसे पढ़ने और समझने की कोशिश करें। शायद कुछ वक़्त बाद समझ आने लगे। मगर ये तो शायद बता या उल्टा सीधा-समझा दिया गया। बहुत-सा खाना तो हम ऐसा खाते हैं, जिस पर कुछ लिखा ही नहीं होता। उसे कैसे पढ़ें या समझें? खतरनाक दुनियाँ में हैं हम?

सुना है, यहाँ आजकल कुछ एक ऐसे-से डेरी प्रोडक्ट्स आ रहे हैं। ये चेतावनियाँ दिवाली से दो-एक महीने पहले से आनी शुरु हुई थी।   

Where are you located?

Located?

Location

यूँ नहीं लग रहा, जैसे गूगल वाले या ऐसी-सी ही कोई और कंपनी आपकी location चैक कर रही है? नहीं, रिकॉर्ड कर रही हैं? भला, उन्हें क्या फायदा इससे? और ऐसे-से ही कितने सारे और टैस्ट? बल्की बोलना चाहिए जानकारी? भला क्या करती हैं, ये कंपनियाँ इस सबका? यही डाटा हमें manipulate करने के काम भी तो आता है। हेराफेरी। सिर्फ manipulate? नहीं। बीमारी करने और मारने तक के लिए प्रयोग होता है, जिनमें आत्महत्याएँ तक शामिल हैं।   

दिवाली सफाई के चक्कर में किताबें पता नहीं कहाँ-कहाँ फैली पड़ी थी। और बच्चा पूछता है, ये Goliath क्या है? 

कुछ किताबें हम खरीद लेते हैं। मगर पढ़ नहीं पाते। या शायद लगता है, ये तो पढ़ा जा चुका या ऐसा कुछ तो हो चुका। कई सारी और ऐसी-सी ही किताबें हैं, जो कई साल पहले खरीदी थी। एकाध तो, repeat version जैसे। जिनके सिर्फ कुछ पन्ने खोलते ही लगेगा जैसे, oversurveillance world. Shadow World? कहीं-कहीं तो जैसे, न्याय के नाम पर क्रुरता के उस पार? 

Fight to create more and more data either by hook or crook to exploite more. Degrading humans and destroying humanity.

Synthetic data creation: Food adulterants and different kinda manipulations

Blurring lines of natural instict in synthetic world

Implants, Legal minefields and clickbaits    

आगे पोस्ट्स में पढ़ेंगे इनके बारे में भी थोड़ा बहुत। 

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