आपका फोकस कहाँ है?
आपकी अपनी और आसपास वालों की ज़िंदगी को आगे बढ़ाने में है? या किसी और की ज़िंदगी को खराब या खत्म करने में?
राजनीतिक पार्टियाँ, आपको क्या सीखा रही हैं?
इसकी नौकरी छुटवानी है?
इसका घर छुटवाना है?
इसके पैसों पे ताला लगाना है?
या इसके पैसे या ज़मीन-जायदाद, इधर-उधर बाँटना है?
या उन्हें अपने कब्जे में करके, कुत्तों की तरह टुकड़ों में जब चाहे देना है या नहीं देना?
ऐसा कौन और कैसे लोग सिखाते हैं किसी को?
ये राजनीतिक पार्टियाँ, आपको ये क्यों नहीं सीखा रही - -
आपको अपना कोई रोजगार, काम या नौकरी करनी है?
आपको अपना खुद का घर बनाना है?
आपको अपने आसपास से भी ज्यादा पैसा, अपनी मेहनत से कमाना है, ना की किसी का हड़प कर?
आपको अपना घर और आसपास साफ़ स्वच्छ रखना है?
ये सब आपके अपने हित में है। और आपके आसपास के भी।
और हम इस सबमें आपकी सहायता करने के लिए बने हैं। ना की बेवजह के खूँटे गाडने के लिए या लोगों को आपस में भीड़वाने के लिए। या किसी का बुरा करवाने के लिए नहीं।
और आप इस काबिल हैं। बल्की, मुझे तो लगता है की हर इंसान, सिर्फ इतना ही काबिल नहीं है, बल्की, इससे भी कहीं ज्यादा काबिल है। वो ना सिर्फ अपने और अपने आसपास के लिए बहुत-कुछ कर सकता है, बल्की, उससे आगे समाज के लिए भी। बशर्ते, आप राजनीती के इन जालों में ना उलझें, जो आपको नाकाबिल, निक्क्मा, नालायक और भी न जाने क्या-क्या बनाने पे तूली हुई हैं।
कहीं ये राजनीतिक पार्टियाँ, ये सब सीधे-सीधे कह रही हैं या करवा रही हैं। और कहीं? बड़े ही मझे हुए खिलाडियों की तरह, "फूट डालो और राज करो", वाले साम, दाम, दंड, भेद अपनाकर। कैसे? जानते हैं आगे, कुछ एक उदाहरणों से।
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