क्या आपको किसी ने बोला है की
ये खाना है या ये नहीं?
ये पहनना है और ये नहीं?
यहाँ रहना है और यहाँ नहीं?
इससे बोलना है और इससे नहीं?
इसको उल्टा-सीधा संकेत करना है?
इसको कुछ उल्टा-सीधा कहकर भाग जाना है?
इसको यहाँ नहीं आने देना?
इसका ये सूट नहीं सिलना?
इसका ये कपड़ा खराब करना है?
इसका ये शर्ट या जीन्स जहाँ से बताया है वहाँ से नहीं,
बल्कि, कहीं और से अल्टर करना है?
ये पौधा घर लगाना है और ये नहीं?
यहाँ पे कचरा फैलाना है?
वो वाला घर कूड़ाघर ही रहने देना है?
उसे साफ़ नहीं करना?
वहाँ से कचरा नहीं उठाना?
वहाँ पे अभी ये मरम्त नहीं करनी?
उनकी लाइट भगानी है?
उनके यहाँ पानी गन्दा जाना चाहिए?
इसके या उसके बारे में फलाना-धमकाना को ये बोलना है?
उसने ये मँगवाया है? ये नहीं, ये पहुँचाना है?
उसका एड्रेस ये है?
कहो, ये तो यहाँ है ही नहीं। मैं उसी जगह पे हूँ?
और भी कितने ही छोटे-मोटे कारनामे,
ठाली लोगों से करवाए जा सकते हैं?
ये पार्टियाँ क्या-क्या करवाती हैं, आम लोगों से?
कभी सोचा क्यों?
ये सब मानव-रॉबोट घड़ने के तरीकों में ही शामिल है। आपको क्या करना है और क्या नहीं की ट्रेनिंग जैसे। दूसरे के दिमाग के सॉफ्टवेयर में, कुछ अपनी तरह का फिट करना जैसे।
जैसे कोई कहे, यहाँ आम का पेड़ लगाना है, मगर जामुन का नहीं। क्यों? क्या हो जाएगा? यहाँ बैड नहीं रखना, रेत के चबुतरे पे फर्श बना कर, उसको अपना बैड बनाना है। ओह! हो गई खास तरह की डिजाइनिंग स्टॉर्ट? इसी तरह की छोटी-छोटी सी डिजाइनिंग, यहाँ-वहाँ हर रोज होती हैं या कहो की करवाई जाती हैं। क्यों? आपका उसमें खुद कितना भला या बुरा है? क्या ऐसा कुछ, वो अपने घरों या बच्चों के साथ भी करेंगे? अगर जवाब ना में है, तो आपके साथ कुछ गलत हो रहा है। और उसमें खुद आपको या आपके अपनों को भी शामिल कर लिया गया है।
सोचो, इन राजनीतिक पार्टियों ने आपको कहाँ उलझा रखा है? आपकी ज़िंदगी में कुछ और बेहतर करने को नहीं है क्या? अपने लिए या अपने आसपास के लिए?
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