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Saturday, September 14, 2024

संसाधनों का प्रयोग या दुरुपयोग (Use and Abuse) 44

Code-Decode, Politics, Governance and Coded World Impact on Life 

जानने की कोशिश करें, थोड़ा-खट्टा, थोड़ा-मीठा, थोड़ा-कड़वा और थोड़ा-तीखा? 

हरियाणा के इलेक्शंस के अबकी बार मुद्दे क्या हैं?

वही, जो सालों से रहे हैं? दशकों से रहे हैं? आरोप-प्रत्यारोप भी वही? या कोई खास बदलाव है?

घौटाले?

जमीन घौटाले?

शराब और ड्रग्स भी हैं क्या? वो शायद दिल्ली और पंजाब के ज्यादा अहम हैं?


बिजली? पानी? स्कूल? कॉलेज? यूनिवर्सिटी? नौकरियाँ? बेरोजगारी? क्या आज भी रोटी, कपड़ा और मकान तक ही अटके हैं हम? अरे नहीं, थोड़ा-सा तो आगे बढ़े हैं शायद? 

जैसे अब एक रैंक, एक पेंशन मुद्दा नहीं है? उसका समाधान तो कब का हो चुका? अब तो सेनाओं के मुद्दे उससे थोड़ा आगे निकल गए? जैसे अग्निवीर? सैलरी नहीं, पेंशन। सिर्फ पेंशन नहीं, बल्की पुरानी या नई? बल्की, कहना चाहिए बुढ़ापा पेंशन? अब बुजर्गों को भी कुछ तो चाहिए, ना? और अजीबोगरीब से वादे। कोई कहे 3000, कोई कहे 6000 हर महीना?

सैलरी की कोई बात नहीं है। लगता है, हमारे यहाँ बुजर्गों की जनसँख्या ज्यादा हो गई है, युवाओँ की बजाए? या शायद चीन में कोरोना के बाद खासकर। तो इलेक्शन कमिशन वाले (?) बता रहे हैं की वहाँ अब रिटायरमेंट की उम्र बढ़ा दी गई है। भारत के इलेक्शन कमिशन वालों को, चीन की खबरें ज्यादा रहती हैं शायद। पता नहीं इसका, ऑफिसर्स खा गए फलाना-धमकाना से भी कोई लेना देना है क्या?   

और भी इसी तरह के थोड़े अटपटे से मुद्दे हैं। पहली बार सुना, तो सच में अजीब लगा था सुनकर। शमशान घाटों का रखरखाव? अरे, ऐसे-ऐसे भी मुद्दे होते हैं? ये तो कभी सुना या सोचा ही नहीं, की दुनियाँ से गए हुए लोगों को भी इस तरह का सम्मान चाहिए? 

g R ave ya R ds?   

पहले किसी ऑनलाइन किताब में पढ़ा था। और फिर किसी नेता के प्रोग्राम्स इनके आसपास थे। ऑनलाइन लाइब्रेरीज और शमशानघाटों के रखरखाव के लिए पैसे।  

Online libraries, चलो ये तो अच्छा मुद्दा है। 

अब हरियाणा का जिक्र हो और किसान का जिक्र ना हो, तो ये तो नाइंसाफी है, हरियाणा के साथ। तो ये तो खास मुद्दा हो गया। MSP, जैसे टमाटरों का रेट? जैसे 6 Rs में खरीद कर 2.5 में बेचोगे तो? वैसे ये कौन से और कहाँ के टमाटरों का हिसाब-किताब है? ये तो कहने वाले नेता ही बेहतर बता सकते हैं। 

वैसे हरि याणा के सरकारी स्कूलों के हालातों की कोई बात नहीं करता। क्यों? क्या करना है, सरकारी स्कूलों का? प्राइवेट करो सब? वैसे सुना खट्टर ने तो 5000 सरकारी स्कूल ही बंद कर दिए? कोई खटारा नेता ही कर सकता है ऐसा काम तो। नहीं? कैसे-कैसे तो कोड धरे हैं ना? समझ ही ना आए, की क्या का क्या बना देते हैं ये नेता लोग?

ऐसे ही जैसे, teacher और adhyapak अलग होता है? ऐसे-ऐसे कोढ़ो के अनुसार जब समाज चलेंगे, तो क्या होगा? अब ये खटारा वाला जहाँ तो, सच में खटारा हो जाएगा। ऐसे ही जैसे शमशान वाला? शमशान-शमशान हुआ? या फिर ऐसे ही जैसे वायरल वाला world take over हुआ? कैसे-कैसे Closure हैं ना दुनियाँ में? मैं भी सोचूँ, ये रोज-रोज क्या closure-closure वाली ऑफिसियल मेल आ रही थी ना उन दिनों? जब दुनियाँ भर में मौतों की भरमार हो रही थी? जाने वो कैसा System Shutdown था? कैसी OXYGEN खत्म हो गई या कैसे-कैसे valve closure होते हैं?

खुरापाती दिमाग या उत्सुक या जिज्ञासु दिमाग, ऐसे-ऐसे और कैसे-कैसे कोड जानकर, कितनी ही मौतों के Type of closure के बारे में तो जानना चाहेगा। जैसे सुनन्दा पुष्कर की मौत का बहाना कौन से type का closure रहा होगा? ऐसी-सी और भी कई विवादित या सेलेब्रिटीज़ की मौतें? मगर ये वाले कोड शायद कुछ ज्यादा ही गुप्त रहते हैं? जो इन्हें बाहर निकालने लगता है, उनपर शिकंजे कसने लगते हैं? मगर सब पर नहीं शायद? और ऐसे-ऐसे विषय इलेक्शन के मुद्दे भी नहीं होते। गुप्त भी नहीं। उन्हें तो और ज्यादा परतों के अंदर रखने की कोशिशें होती हैं। 

एक और कोई ऐसे ही किसी नेता को सुन रही थी तो कह रहे थे, हम अच्छे-अच्छे सरकारी स्कूल बनवा सकते हैं, वो इनके वश का नहीं। हम सरकारी हॉस्पिटल्स की अच्छी सुविधाएँ दे सकते हैं, वो इनके वश का नहीं। या फिर कोई कहे जैसे, की हमने इतने कम समय में इतनी यूनिवर्सिटी बनवाई, IIM बनवाए या AIIMS खोले। यहाँ पे पॉइन्ट बनता है। जो जिसमें बढ़िया है और जितना बढ़िया है, क्यों ना उसे, उसी अनुसार उतनी सीट दे दी जाएँ? इतने काम के लोगों को जेल देने की बजाय, उतना ही ज्यादा, उनकी खुबियों के अनुसार काम ना दे दिया जाए। 

जेल और बेल कैसे होती हैं, ये भी शायद थोड़ा-बहुत अभी समझ आया है। उस पर फिर कभी। वैसे ये CBI को Caged Parrot क्यों कहते हैं? क्या, King is Singh (थोड़ा उल्टा पुल्टा हो गया शायद?) के कलाकारों से कोई लेना-देना है इसका?   

जैसे एक तस्वीर है टोटे की 

और एक टाबर या मैना की?

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