कबाड़ से सुन्दर जुगाड़?
आपके आसपास कितनी ही जगह खाली पड़ी है? और उसपे बहुत सारा कबाड़ भी? वो खाली जगह ही, कहीं राजनीतिक पार्टियों के ऐसे स्टोर तो नहीं बन गई, जहाँ वो आपकी या आपके अपनों की बिमारियाँ, लड़ाई-झगड़े या मौतें तक लिख रहे हों? संभव है क्या ऐसा?
शायद तो नहीं?
और शायद तो हाँ?
जवाब नहीं में है, तो कोई फर्क नहीं पड़ता। मगर अगर जवाब, हाँ में है तो पड़ना चाहिए। पॉलिटिकल या सिस्टम कोड, बहुत ही जटिल और शायद पार्टियों और वक़्त के हिसाब-किताब से बदलता-सा विषय है। उसे सही से समझने के लिए, कम से कम, एक-दो दशक तो चाहिएँ शायद। और मैंने तो अभी कुछ साल पहले ही शुरु किया है। तो उसपे ना जाकर, थोड़ा-सा विज्ञान के हिसाब से ही जानने की कोशिश करते हैं।
कोई भी आसपास की खाली जगह मौत तो पता नहीं, मगर बिमारियों की जगह तो है ही। सोचो खाली पड़ी जगहों पर, क्या कुछ पनपता है? चूहों, साँपों जैसे जीवों के बिल? तरह-तरह के मकड़ी, कीड़े-मकोड़े? भिरड़, भुन्डों के ठिकाने? चमगाददों के झुंड़ तक, अगर रहने की जगहों के बीच पड़े खाली मकानों में आ घुसे, तो अपने आप बहुत तरह की आसपास बीमारियाँ आ गई समझो। बारिश वगैरह में तो ऐसी जगहों पे क्या बदबू मारती होगी ना? उसपे पानी इक्कट्ठा होने पे कितनी ही तरह के मच्छर, मख्खियाँ? अगर आप अपने आसपास ऐसी खाली पड़ी कोई जगह पसंद नहीं करते, तो दूसरों को भी वो मत दो, जो आप अपने लिए नहीं चाहते या अपने बच्चे या बुजर्गों के लिए नहीं चाहते। अगर पुराने घर रखने का शौक है तो या उनको साफ़ करें और उनकी देखभाल रखें या आसपास किसी को प्रयोग करने को ही दे दें? जिससे आपका भी फायदा और आसपास वालों का भी। ऐसी जगहें साफ़ भी रहेंगी और आसपास वालों के लिए सिर-दर्द भी कम। नहीं तो ऐसी जगहें, अगर 5-10 साल से ज्यादा बिना प्रयोग या देखभाल के पड़ी हैं, तो वैसे ही साथ वालों की हो जानी चाहिएँ? आप क्या कहते हैं? क्यूँकि, जिनकी हैं, उन्हें तो कद्र तक नहीं उनकी। शायद, उन्हें खुद के प्रयोग के लिए तो चाहिएँ नहीं? तो फिर संसाधनों का दुरुपयोग क्यों?
पुराने मकानों की बजाय, अगर ऐसे प्लॉट खाली पड़ें हैं तो? वो भी किसी ना किसी को प्रयोग करने को दे देने चाहिएँ? या वहाँ आसपास की सामाजिक जगहों के रुप में प्रयोग कर लेने चाहिएँ? बजाय की उन्हें कूड़े के ढ़ेर बनने के लिए छोड़ने के। ऐसी-ऐसी जगहें आसपास के लिए और कुछ नहीं तो बीमारियाँ और बदबू तो बनती ही हैं। देखने में भी भद्दी लगती हैं।
आओ इस कबाड़ का सुन्दर जुगाड़ करें?
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